बक्सर: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में महीनों से लॉकडाउन है. इसकी वजह से दूसरे प्रदेश के सैकड़ों मजदूर बक्सर में फंसे हुए हैं. महीनों से वे अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अब तक उनके भेजने की प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
जिले में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के सैकड़ों मजदूर महीनों से फंसे हुए हैं. वे जाने के लिए अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर महीनों से लगा रहे हैं. लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं किए जाने से नाराज मजदूरों ने समाहरणालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मजदूरों को समझा कर शांत कराया.
बक्सर में फंसे प्रवासी मजदूर 'अब हमारे बच्चे मर जायेंगे'
मजदूरों ने बताया कि सालों से बक्सर में चूड़ी बेचने का कारोबार करते हैं. लेकिन महीनों से जारी लॉकडाउन से रोजगार पूरी तरह से बंद हो गया है. जो भी पैसा था, वो खत्म हो गया है. हम लोग अपने बच्चों सहित इस कड़ी धूप में खुले आसमान के नीचे किसी तरह गुजारा कर रहे हैं. राशन भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब हमारे बच्चे मर जायेंगे. जिला प्रशासन और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमें घर भेजने में सहयोग करें.
'421 लोग बक्सर में फंसे'
वहीं, इस मामले को लेकर डीएम अमन समीर ने कहा कि सरकार की तरफ से ये दिशा-निर्देश मिला है कि जिस प्रदेश के भी श्रमिक, अन्य लोग जो हमारे यहां फंसे हुए हैं. वहां के जिला प्रशासन से संपर्क कर उन्हें घर भिजवाया जाए. इस दिशा में बक्सर में फंसे सभी लोगों की सूची तैयार कर ली गई है. अलग-अलग प्रदेश के कुल 421 लोग बक्सर में फंसे हुए हैं. संबंधित प्रदेश के जिलाधिकारी से अनुमति मांगी गई है. अनुमति मिलते ही इन्हें भेज दिया जाएगा.