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CM नीतीश के 'दलित कार्ड' से नाराज विपक्ष का आरोप- 'दलितों की हत्या हो ऐसा चाहती है सरकार'

विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने दलित व्यक्ति की हत्या पर उसके परिजन के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा कर दी है. सीएम की इस घोषणा पर लोजपा सेक्यूलर ने आरोप लगाया है कि सरकार चाहती है कि दलितों की हत्या हो.

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Published : Sep 13, 2020, 10:57 AM IST

Many parties angry with Dalit card of CM nitish kumar
Many parties angry with Dalit card of CM nitish kumar

बक्सर:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दलित कार्ड खेला है. जिससे विपक्षी पार्टी के नेता तिलमिला गए हैं. विपक्षी दल नीतीश कुमार के इस फैसले पर तंज कस रहे हैं.

सीएम पर आरोप
बक्सर पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सत्यानंद शर्मा ने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि एससी-एसटी के युवा बेरोजगार हैं. 3 लाख 68 हजार आरक्षण का कोटा बकाया है. आजतक नीतीश कुमार ने उसे नहीं भरा है, लेकिन अब हत्या होगी, तब जाकर उसके परिजन को नौकरी मिलेगी. मतलब सीएम चाहते हैं कि दलितों की हत्या हो, एससी-एसटी के लोग मारे जाएं.

देखें रिपोर्ट

'संविधान के प्रावधान को सीएम ने किया है लागू'
सरकार पर लगे इस आरोप पर जबाव देते हुए राज्य सरकार के परिवहन मंत्री संतोष निराला ने कहा कि यह कोई चुनावी घोषणा नहीं है. संविधान में पहले से ही इस तरह का प्रावधान है, जिसको मुख्यमंत्री ने लागू करने के लिए घोषणा की है. साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कहने के लिए इस बार चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए अनर्गल बयानबाजी कर किसी तरह से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता हैं. नीतीश कुमार बिहार के सभी समाज के बारे में सोचते हैं.

बता दें कि चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा एलान करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की हत्या होने पर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर दी. वहीं, नीतीश कुमार के इतने बड़े ऐलान के बाद विपक्षी पार्टी के नेता सीएम की इस घोषणा का काट खोज रहे हैं. यही कारण है कि अब आरक्षण में बकाए कोटे को मुद्दा बनाकर विपक्षी पार्टी के नेता नीतीश कुमार के इस घोषणा को चुनावी जुमला साबित करने में लगे हुए हैं.

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