बक्सर:बिहार के बक्सर जिले में 30 और 31 मार्च को हुई मूसलाधार बारिश ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ दीहै. खेतों में लगी रबी की फसल के साथ ही आम की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. अपने फौलादी हौसलों के बदौलत धरती का सीना चीरकर पूरी दुनिया को भोजन उपलब्ध कराने वाले अन्नदाताओं को आज इस बात की चिंता सता रही है कि अगर फसल चौपट हो गई तो उनके परिवार को भरण पोषण कैसे मिलेगा. बच्चों की पढ़ाई और बूढ़े मां-बाप की दवाई का पैसा कहां से आएगा. आलम यह कर्ज के बोझ तले दबे किसानों का हाल जानने के लिए अभी तक न तो कोई अधिकारी आया और ना ही जनप्रतिनिधि पहुंचा है.
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1 लाख 13 हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी फसल की बुवाई:पूरे जिले में 1 लाख 13 हजार हेक्टेयर भूमि पर लगभग 44 हजार रजिस्टर्ड किसानों के द्वारा रबी फसल की बुवाई की गई है. चैत का महीना चल रहा है. रबी फसल की कटनी अपने चरम सीमा पर थी. कुछ किसानों ने अपने खेतों में लगी सरसों, मटर, चना और अरहर फसल की कटनी कर उसे खलिहान में ला भी दिया था लेकिन तेज आंधी और मूसलाधार बारिश ने खेतों में लगी फसल को तहस नहस करने के साथ ही खलिहान में रखी फसल को भी बर्बाद कर दिया है. आलम यह है कि मौसम के बदले मिजाज के कारण किसान कटनी तक नहीं कर पा रहे हैं, जबकि 25 मई से रोहिणी नक्षत्र में किसानों को धान का बिचड़ा भी डालना होता है.