बक्सर: जिले के नावानगर प्रखंड के बाद अब सदर प्रखंड में भी अति कुपोषित पांच बच्चे मिले हैं. विभाग की तरफ से कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की लापरवाही के कारण कुपोषण के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. चमकी बुखार ने सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चों को अपनी चपेट में लिया था. इनकी संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी से राज्य सरकार के विकास के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.
बक्सर: 15 दिनों में मिले 36 अति कुपोषित बच्चे, आंगनबाड़ी केंद्रों पर लापरवाही का आरोप - Growth Rate
राज्य सरकार लगातार बिहार के बढ़ते ग्रोथ रेट को लेकर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है. लेकिन दूसरी ओर जिले में 15 दिनों के अंदर अबतक 36 अति कुपोषित बच्चे मिले हैं.
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सकते में स्वास्थ्य विभाग
एक तरफ जहां राज्य सरकार लगातार बिहार के बढ़ते ग्रोथ रेट को लेकर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है. वहीं, दूसरी ओर जिले में 15 दिनों के अंदर अब तक 36 अति कुपोषित बच्चे मिले हैं. सदर अस्पताल से अति कुपोषित बच्चों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी सकते में आ गया है.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर लापरवाही का आरोप
अस्पताल की डाइटीशियन सह एनसीआर इंचार्ज डॉक्टर अमिता ने बताया कि बक्सर सदर प्रखंड से पांच बच्चे आये हैं जो अति कुपोषण के शिकार हैं. अगर आंगनबाड़ी केंद्रों से इन बच्चों को पूरी खुराक दी गई होती तो इनकी संख्या न के बराबर होती. 15 दिनों में 36 अति कुपोषण के शिकार बच्चों का मिलना अपने आप में सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाता है.