बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Bihar Politics: 'मुद्दों के आधार पर महागठबंधन के नेता लड़ेंगे 2024 के लोकसभा चुनाव'- अजीत कुमार सिंह - buxar news

आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने अपने-अपने हिसाब से गुणा गणित बैठना शुरू कर दिया है. विपक्ष के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए अब तक अपनाए गए सारे हथकण्डे विफल साबित हो रहा हैं. क्षेत्रीय दलों की अपनी अपनी महत्वाकांक्षा ने कांग्रेस के नेताओं को असहज कर दिया है. यही कारण है कि देश के सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी के नेता भी क्षेत्रीय दलों के नेताओ के आगे बीन बजा रहे हैं. इन सब के बीच सीपीआई विधायक अजीत कुमार सिंह ने साफ कहा है कि महागठबंधन नेता के नाम पर नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर 2024 का चुनाव लड़ेगा.

अजित कुमार सिंह,  विधायक, सीपीआई
अजित कुमार सिंह, विधायक, सीपीआई

By

Published : Apr 8, 2023, 12:31 PM IST

अजित कुमार सिंह, विधायक, सीपीआई माले

बक्सरःभाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा है कि महागठबंधन व्यक्ति के नाम पर नही मुद्दों के आधार पर देश में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगा. जीत के बाद तय होगा कि प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन है. उन्होंने ये भी कहा कि व्यक्ति के नाम पर चुनाव जीतने वाले है इस देश और संविधान के लिए खतरा हैं. महागठबन्ध में मुद्दों के नाम पर चुनाव लड़ने की तैयारी है.

ये भी पढ़ेंःBihar Politics: महागठबंधन को चुनौती देने के लिए भाजपा का एक्शन प्लान, पिछड़ा अति पिछड़ा वोट बैंक पर पार्टी की नजर


क्या कहते है भाकपा विधायकः जिले के डुमराव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेता बिहार में अपना हाथ पांव मार रहे हैं और राहुल गांधी से लेकर तेजस्वी यादव पर नकेल कसा जा रहा है, उससे बीजेपी की मनशा साफ हो गई है. विपक्ष को कमजोर कर किसी तरह से 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति पर भारतीय जनता पार्टी के नेता काम कर रहे है और लगातार बिहार में आ रहे हैं, लेकिन उनके इस मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए महागठबंधन के नेताओं ने भी तैयारी पूरी कर ली है.

"हम सब ने यह निर्णय लिया है कि महागठबंधन किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ेंगा. हम सभी का यह मानना है कि किसी व्यक्ति के नाम पर चुनाव लड़ना लोकतंत्र और संविधान दोनों के लिए खतरा है. जनता सांसद का चुनाव करती है, प्रधानमंत्री का नहीं. आज इस देश में लोकतंत्र खतरे में है और देश को बचाने के लिए महागठबंधन के नेता मुद्दों के आधार पर लोकसभा लड़ने का निर्णय कर चुके हैं"-अजीत कुमार सिंह, विधायक, भाकपा माले

ज्वलंत समस्याओं को बनाया जाएगा हथियार:दरअसल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड आंधी ने विपक्ष के हौसले को चकनाचूर कर दिया है. नरेंद्र मोदी की आंधी में बिखर चुके महागठबंधन के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में भी घबड़ाये हुए हैं. यही कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, केसीआर, समेत आधा दर्जन से अधिक नेता खुद को पीएम के मेटेरियल बता चुके हैं, लेकिन कांग्रेस को इस बात का आभास है कि नरेंद्र मोदी के तूफान को रोकना इन क्षेत्रीय दलों के नेताओं के बस की बात नहीं है, यही कारण है कि प्रत्येक राज्य में बीजेपी के 2-4 सीटों को खिसकाने की रणनीति पर महागठबंधन के नेता विचार कर रहे हैं और ज्वलन्त समस्याओं को हथियार बनाकर किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर इस चुनावी रण को जितना चाहते हैं.

जीत के बाद तय होगा महागठबंधन के नेता का नामः गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन कोई आकार लेता नहीं दिखाई दे रहा है, यही कारण है कि महागठबंधन के नेता मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ कर चुनाव के परिणाम के अनुरूप अपना नेता घोषित करने का दावा कर रहे हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि महागठबंधन के नेता नरेंद्र मोदी की आंधी को रोकने में कितना सफल होते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details