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बक्सर: लोक अदालत में 200 दिव्यांगजनों की समस्याओं का ऑन द स्पॉट निपटारा

बक्सर में दिव्यांगजनों की समस्याओं को निपटाने के लिए लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें फरियादियों के साथ सभी संबंधित पदाधिकारी को उपस्थित होने के लिए सख्त निर्देश दिया गया है.

Lok Adalat  in buxar
Lok Adalat in buxar

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Published : Jan 3, 2021, 1:05 PM IST

बक्सर:राज्य नि:शक्तता आयुक्त शिवाजी कुमार 2 दिवसीय दौरे पर बक्सर में हैं. नए साल के दूसरे दिन 2 जनवरी को बक्सर पहुंचने के साथ ही उन्होंने दिव्यांगजनों की समस्याओं को दूर करने और आने वाले पंचायत चुनाव में उनकी सहभागिता को बढ़ाने के लिए लोक अदालत लगाया गया.

मुख्यधारा में लाने का निर्देश
जिले के डुमरांव अनुमंडल में चलंत लोक अदालत लगाकर 200 से अधिक दिव्यांगजनों की समस्याओं का ऑन द स्पॉट निपटारा करने के साथ ही सम्बंधित अधिकारियों को समस्याओं को तत्काल दूर कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का निर्देश दिया गया है. डुमरांव अनुमंडल के डुमरांव, केसठ और ब्रह्मपुर प्रखण्ड में दिव्यांगजनों की समस्याओं का निपटारा करने के बाद 3 जनवरी को जिले के सिमरी और चक्की प्रखंड में चलंत लोक अदालत लगाया जाएगा. इसमें फरियादियों के साथ सभी संबंधित पदाधिकारी को उपस्थित होने के लिए सख्त निर्देश दिया गया है.

मौके पर मौजूद अधिकारी
"प्रदेश में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के धारा 72 के अनुपालन के लिए अनुमंडल स्तरीय समिति की बैठक की गयी. जिसमें सम्बंधित पदाधिकारियों को यह हिदायत दी गई है कि जल्द ही प्रखण्ड और पंचायत स्तरीय कमिटी का गठन कर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा जो दिव्यांगजनों के लिए सुविधा प्रदान की गयी है, उसके बारे में उसे जानकारी दें और जागरूक करें. जिससे उन्हें भी समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके"- शिवाजी कुमार, राज्य नि:शक्तता आयुक्त

प्रमाण पत्र के लिए पैसे की मांग
दिव्यांगजनों के लिए लगने वाले लोक अदालत को लेकर सिमरी के रहने वाले श्यामसुंदर यादव ने बताया कि राज्य नि:शक्तता आयुक्त चाहे कितनी भी लोक अदालत लगा लें, लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि दिव्यांग होने के बाद भी प्रमाण पत्र लेने जाने पर 40 हजार रुपये की मांग की जाती है. यदि आप 80% दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र लेना चाहते हैं, तो उसके लिए 50 हजार देना होता है.

"एक दिन लोक अदालत लगाकर छोटे-छोटे मामले का निपटारा कर दिया जाता है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि बुनियादी सुविधा केंद्र से लेकर प्रखण्ड और अनुमंडल तक बिना पैसा दिए ट्राइसाइकिल तक नहीं मिलती. आज पहली बार लोक अदालत नहीं लग रहा है. इससे पहले 2020 में भी राज्य नि:शक्तताआयुक्त शिवाजी ही थे. उनके द्वारा चलंत लोक अदालत लगाया गया था. उसके बाद भी अपना हक लेने के लिए हमलोग भूखे-प्यासे समाहरणालय के गेट पर बैठे रहे. उसके बाद भी हमारी समस्याओं को दूर नहीं किया गया"- श्यामसुंदर यादव,दिव्यांग

सरकारी नौकरी में है 4% आरक्षण
शिवाजी कुमार ने बताया कि सरकारी नौकरी में दिव्यांगजनों के लिए 4% और निजी क्षेत्र के नौकरी में 5% आरक्षण का प्रावधान है. लेकिन अधिकांश लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि सरकार के द्वारा उनके लिए क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.

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