एलजेपीआर चीफ चिराग पासवान पहुंचे बक्सर बक्सर:बिहार केबक्सर में चिराग पासवान (LJPR Chief chirag Paswan In Buxar) किसानों से मिलने पहुंचे. जिले केबनारपुर गांव में किसानों ने पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया. एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान ने बक्सर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री के पास सौ मर्ज की एक दवा है. जो किसी भी तरह के काम को दबाने के लिए काफी है, वह है पुलिस की लाठी.
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ग्रामीणों ने चिराग का किया स्वागत: बनारपुर गांव में एलजेपीआर चीफ चिराग पासवान जब किसानों से मिलने पहुंचे तो यहां के किसानों ने चिराग को माला पहनाकर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. जिसके बाद पूरे गांव के लोगों ने धैर्य के साथ सांसद की बातों को सुना. इस दौरान चिराग ने 'लोगों के दर्द पर मरहम' भी लगाया.
''आपलोग तो जानते ही हैं कि सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर हैं. फिर यहां आकर वे गांव के किसानों से मिलकर समस्या का समाधान क्यों नहीं कर रहे हैं? हमारे प्रदेश के मुखिया के पास सौ मर्ज की एक ही दवा है. पुलिस की लाठी के बल पर कार्रवाई करवाते हैं.''- चिराग पासवान, सांसद
बक्सर में किसानों से मिले चिराग: दरअसल पिछले कई दिनों से बक्सर में जमीन अधिग्रहण करने के बाद किसानों ने सरकार से सर्किल रेट के अनुसार भुगतान करने की मांग की. जब जिला प्रशासन ने किसानों की बात अनसुना कर दी तब चौसा प्रखंड के किसानों ने पिछले 89 दिनों से आंदोलन पर कर रहे थे. पिछले दिनों 10 जनवरी को मुफ्फसिल थाना के पुलिस कर्मियों ने आधी रात में बनारपुर गांव के किसानों के घर में घुसकर किसानों और उसके परिवार के साथ काफी मारपीट की और परिवार वालों के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने लगे.
पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने: इस मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. तभी किसानों ने 11 जनवरी की सुबह से ही आक्रोश में आ गए थे. पुलिस के लाठीचार्ज के बाद किसानों के भीड़ में शामिल होकर कुछ असामाजिक तत्वों ने चौसा थर्मल पावर प्लांट में घुसकर तोड़फोड़ करने लगे और कई गाड़ियों एवं कार्यालय में आग लगा दी. इस घटना के बाद लगातार राजनैतिक नेताओं का यहां आना जाना लगा हुआ है.
अश्विनी चौबे का हुआ था विरोध :इसी बीच 12 जनवरी को केंद्रीय राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे वहां पहुंचे. जहां पर किसानों ने उनका पुरजोर विरोध किया और वहां से भगा दिया. कुल मिलाकर कहें तो इस मौके का सियासी फायदा उठाने के लिए पहुंचे स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे को काफी विरोध झेलना पड़ा था.
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