बक्सर: बिहार में शराबबंदी का कानून वर्ष 2016 से लागू है. उसके बाद भी प्रदेश में शराब का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है. स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है. कुछ तस्कर बीच का रास्ता खोज कर जेल जाने से बच जाते हैं और फिर से उसी कारोबार में रम जाते हैं। जिसका परिणाम है कि पिछले 5 वर्षो में शराब तस्करों की संख्या में 5 गुणा इजाफा हुआ है.
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प्रत्येक वर्ष शराब तस्करों की संख्या में इजाफा
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद जहां इस पर रोक लगने उम्मीद थी, परिस्थिति ठीक इसके उलट है. अब तक प्रत्येक साल शराब तस्करों की संख्या में बेतहासा वृद्वि हो रही है. कई युवा हैं जो कोरोना काल के दौरान इस अवैध कारोबार से जुड़ गए. विभागीय आंकड़ों के अनुसार बक्सर जिले में पिछले 5 सालों में प्रत्येक माह 100 से ज्यादा लोगों को शराब तस्करी करते रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. यह भी देखा गया है कि 90 दिन के अंदर 98% प्रतिशत से अधिक शराब तस्कर जमानत पर छूट जाते हैं और फिर से उसी कारोबार में लग जाते हैं.
5 साल में 6 हजार से अधिक लोग हुए गिरफ्तार
पिछले 5 साल में बक्सर पुलिस एवं उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने 6 हजार से अधिक शराब तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. लेकिन 1% भी शराब तस्करों को सजा दिलाने में पुलिस सफल नहीं पाई. विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 से अब तक मात्र 2 लोगों को ही सजा मिली. बाकी जमानत कराने के बाद फिर उसी कारोबार में लगे हुए हैं.