बक्सर: जिले के सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में सालों से शिक्षकों के दो तिहाई पद रिक्त हैं. शिक्षकों के 51 स्वीकृत पदों के स्थान पर सिर्फ 18 शिक्षकों के सहारे ही यहां पढ़ाई का काम चल रहा है.
बक्सर: MV कॉलेज की व्यवस्था बदहाल, शिक्षकों के 51 स्वीकृत पदों पर सिर्फ 18 ही कार्यरत - प्रिंसिपल नवीन कुमार
आम तौर पर लोग इस कॉलेज को एम.वी कॉलेज के नाम से जानते हैं. खाकी बाबा की कोशिश और तत्कालीन डुमरांव महाराज की दी गई दान की जमीन पर 11 जून 1957 को इस कॉलेज की नींव रखी गई थी.
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कई विभागों में लंबे वक्त से शिक्षक नहीं
कॉलेज के प्रिंसिपल नवीन कुमार खुद ये कह रहे हैं कि कॉलेज में शिक्षकों की संख्या एक-तिहाई पहुंच गई है. कई विभाग ऐसे हैं जिनमें लंबे वक्त से शिक्षक है ही नहीं, लेकिन फिर भी उनमें स्टूडेंट का एडमिशन लिया जाता है. कॉलेज में मौजूद शिक्षक ही किसी तरह से छात्रों की शिक्षा मैनेज करते हैं.
11 जून 1957 को रखी गई थी कॉलेज की नींव
बता दें कि आम तौर पर लोग इस कॉलेज को एम.वी कॉलेज के नाम से जानते हैं. खाकी बाबा की कोशिश और तत्कालीन डुमरांव महाराज की दी गई दान की जमीन पर 11 जून 1957 को इस कॉलेज की नींव रखी गई थी. 1957 में सामाजिक विज्ञान और मानविकी, वहीं 1967 में विज्ञान संकाय की शुरुआत से इस क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा की राह आसान हो गयी थी. लेकिन, वर्तमान समय में जिला मुख्यालय का एकमात्र कॉलेज बदहाली का दंश झेल रहा है.