बक्सर: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू विधायक ददन पहलवान ने दावा किया है कि नीतीश कुमार के रहते बिहार में कोई दूसरा सीएम नहीं बन सकता है. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उनके ही पिता ने बाढ़ के नाम पर मवेशियों का चारा लूट लिया. अब बिहार की जनता फिर से जंगल राज नहीं आने देगी.
2015 में मिली थी बीजेपी के नेताओं करारी हार
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू के नेताओं ने नीतीश मंत्र का जाप शुरू कर दिया है. कोरोना संक्रमण काल के बीच चुनाव की आहट ने जन प्रतिनिधियों की आंखों से नींद गायब कर दिया है. जिले के 4 विधानसभा सीट पर 2015 में मिली करारी हार के बाद बीजेपी के नेताओं को भी नीतीश कुमार से ही आश है. वहीं एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता नीतीश कुमार को अपना नेता मानने से भी इनकार कर रहे है. ऐसे में एनडीए के कुछ नेता इस गठबंधन के भविष्य को लेकर पार्टी बदलने की ताक में है.
क्या है मौजूदा स्थिति
बक्सर सदर सीट पर कांग्रेस विधायक का कब्जा है. बीजेपी से अब तक डेढ़ दर्जन नेता इस सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है. हाल में एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह भी यंहा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है. कहा यह भी जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने से नाराज बीजेपी के नेता 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी भितरघात कर पार्टी के हार का कारण बन सकते है.
वहीं ब्रह्मपुर विधानसभा सीट पर आरजेडी विधायक शम्भू यादव का कब्जा है, जंहा पिछले बार की तरह इस बार भी बीजेपी में बाहरी बनाम स्थानीय को लेकर द्वंद चल रहा है. इसके साथ ही डुमरांव विधानसभा सीट पर जेडीयू विधायक ददन पहलवान का कब्जा है, जंहा से लोजपा के नेता भी तैयारी कर रहे है. वही राजपुर विधानसभा सीट पर जेडीयू विधायक सह राज्य सरकार के परिवहन मंत्री संतोष निराला का कब्जा है.
क्या कहते हैX जेडीयू विधायक
डुमरांव जेडीयू विधायक ददन पहलवान ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद पर कोई नई बहाली नहीं होगी, जब तक नीतिश कुमार बिहार के राजनीतिक जीवन में है. तब तक कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है. बिहार की जनता ने लालू जी को 15 वर्षो तक मौका दिया था, लेकिन इनके पार्टी के नेताओं ने बिहार में क्या किया. यह तो पूरा विश्व जानता है. गौरतलब है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी के नेता अपना-अपना चुनावी गणित सेट करना शुरू कर दिया है. देखने वाली बात यह होगी कि बिहार की जनता किसके हाथों में बिहार की बागडोर सौंपती है.