बक्सर:देश में लोगों को कानूनी तौर पर जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय विधिक जागरुकता प्राधिकार (National Legal Awareness Authority) के निर्देश पर पूरे देश में व्यापक और सघन रूप से विधिक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला स्तर पर इसे जिला विधिक प्राधिकार (District Legal Authority) के द्वारा संचालित किया जाता है. जिसके अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश होते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of Nation Mahatma Gandhi) के जन्मदिन 2 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ यह अभियान 14 नवंबर तक चला.
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इस दौरान जिले में कई तरह के कार्यक्रम चलाये गये और जागरुकता रैली निकाली गई. जिसे डालसा अध्यक्ष सह जिला जज अंजनी कुमार सिंह एवं डालसा सचिव सह अपर जिला जज धर्मेंद्र तिवारी ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर रवाना किया. इस डालसा अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने विधिक जागरुकता के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की और लोग कैसे यहां तक पहुंचे और संपर्क करें उसकी जानकारी दी.
सवाल- सबसे पहले आपसे हम यह जानना चाहेंगे कि हमारे देश में राष्ट्रीय विधिक जागरूकता प्राधिकार की जरूरत कब और क्यों पड़ी ?
जवाब- इसकी जरूरत तो पहले से ही थी किंतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार एवं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया. देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. उसी कार्यक्रम के तहत हमारे इस प्राधिकार के राष्ट्रीय संस्था जो नालसा है, उसके माननीय चेयरमैन के निर्देशानुसार हम लोग जिला स्तर पर सभी पैरा लीगल वॉलिंटियर्स, विद्वान अधिवक्ता गण और जो पैनल लॉयर हैं, उन लोगों की मदद से हमारे देश में जितने कानून लागू हैं, उनके हितों के संरक्षण के लिए जो प्रावधान बनाये गये हैं. जानकारी के अभाव में लोग उसका लाभ नहीं ले पातें हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा निशक्त और आवश्यकता वाले लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है. उसकी जानकारी देने की हम कोशिश कर रहे हैं.
इस संस्था के बारे में भी बहुत लोग नहीं जानते थे और साधारण रूप से यह अवधारणा थी लोगों में कि न्याय बहुत महंगा है, वकील बहुत महंगे हैं और बहुत ज्यादा कानूनी फीस लगती है तो न्याय नहीं मिलेगा. उसी भ्रम को दूर करने के लिए इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है. वर्तमान में इसको एक आंदोलन के रूप में हम लोग जिले के हर गांव और हर घर तक जानकारी पहुंचा रहे हैं. जानकारी के अभाव में, पैसे के अभाव में जो कानून बनाए गए हैं, वह निशक्त लोगों को बिना अधिवक्ता का फीस दिए हुए न्याय दिलााएगा. इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके पहुंच में है. इसके लिए प्रधिकार के द्वारा जारी फोन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है. इसके सेक्रेटरी जरुरत रहने पर मदद करेंगे, उनसे संपर्क किया जा सकता है. कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत जो सुविधाएं दी गई हैं उसका उपयोग करते हुए, हम सभी लोगों को न्याय दिलाएंगे.
सवाल- समाज में आज भी शिक्षा का अभाव है, गरीबी भी बहुत है. ऐसे में लोग पुलिस और कोर्ट में जाने से डरते हैं. ऐसी परिस्थिति में पीड़ित को कहां जाना चाहिए?