बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बक्सर में धड़ल्ले से चल रहे अवैध नर्सिंग होम, लोगों की जान से कर रहे खिलवाड़

केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र बक्सर में अवैध निजी नर्सिंग होम धड़ल्ले से चल रहे हैं. आलम ये है कि यहां एक पंचर बनाने वाला भी निजी नर्सिंग होम खोलकर खुद इंसानों का इलाज कर रहा है.

बक्सर
बक्सर

By

Published : Dec 6, 2020, 8:58 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 4:58 PM IST

बक्सर:केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में भले ही सरकारी अस्पताल वेंटिलेटर पर अपनी अंतिम सांस गिन रहा हो, लेकिन इस जिले की सभी पंचायतों में राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में सैकड़ों अवैध निजी नर्सिंग होम चल रहे है. इसके बाद भी अब तक किसी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई कर सके.

बक्सर में धड़ल्ले से चल रहे अवैध नर्सिंग होम

क्या कहते हैं अधिकारी ?
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकता है कि यहां बिना मेडिकल पढ़ाई किए साइकिल के पंचर बनाने वाले और फ्रिज ठीक करने वाले भी निजी नर्सिंग होम खोलकर इंसानों का इलाज शुरू कर दिया है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब तक ऐसी कई शिकायत मिली हैं. लेकिन अगर नर्सिंग होम कि खिलाफ कार्रवाई की तो पटना से लेकर दिल्ली तक के बड़े नेताओं और अधिकारियों के फोन की घंटी बज उठेगी और मेरी नौकरी चली जाएगी.

कार्रवाई करने की मिली सजा
जिले में एक दो नर्सिंग होम को छोड़कर किसी के पास भी लाइसेंस नहीं है. उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं, क्योंकि सभी पर किसी न किसी मंत्री का हाथ है तो किसी की पहुंच सीएम आवास तक है. अब तक जितने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई करने की कोशिश की है उसके तीसरे दिन ही उसका तबादला कर पीएचसी सेंटर पर भेज दिया गया.

धड़ल्ले से चल रहे अवैध नर्सिंग होम

विभाग के पास ऐसे नर्सिंग होम की लंबी सूची
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के रडार पर ऐसे निजी नर्सिंग होम की लंबी लिस्ट है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी केवल लंबी सूची बनाकर फाइलों में रखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनकी पकड़ बक्सर ही नहीं दिल्ली और पटना में भी है.

ईटीवी भारत ने पहले भी उठाया था मामला
आठ दिन पहले जिलाधिकारी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ईटीवी भारत के संवाददाता ने ये मामला प्रमुखता के साथ उठाया था. जिसके बाद जिला अधिकारी अमन समीर ने सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ को सभी अवैध निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए थे. एक्शन में आए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दो अल्ट्रासाउंड जांच घर और 6 निजी नर्सिंग होम पर छापेमारी की थी. जहां एक भी नर्सिंग होम मानक के अनुरूप नहीं चलाया जा रहा था. और ना ही किसी के पास नर्सिंग होम का लाइसेंस था.

सरकारी अस्पताल में बेहाल स्वास्थ्य सेवा

मामले ने तूल पकड़ा तो शुरू हुई सियासत
पिछले 15 दिनों से मामले को तूल पकड़ता देख अब पक्ष विपक्ष ने सियासत करना भी शुरू कर दिया है. राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे पर तंज कसते हुए कहा कि जिस बक्सर की जनता ने केन्द्र में दो बार मंत्री दिया, उस बक्सर के सरकारी अस्पताल को देखकर सर शर्म से झुक जाता है. लेकिन हम सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे. जनता ने हम पर जो भरोसा किया है उस भरोसा को टूटने नहीं देंगे.

'निजी नर्सिंग होम वालों के कारनामों के कारण डॉक्टरी पेशा बदनाम हो रहा है'- जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन

गौरतलब है कि जिले में 500 से अधिक निजी नर्सिंग होम अवैध तरीके से चल रहे हैं. इसके बाद भी अब तक एक भी निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई नहीं हुई. जिसके कारण आए दिन नए नए निजी नर्सिंग होम खुल रहे हैं और उनका कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है.

Last Updated : Dec 16, 2020, 4:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details