बक्सर:केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में भले ही सरकारी अस्पताल वेंटिलेटर पर अपनी अंतिम सांस गिन रहा हो, लेकिन इस जिले की सभी पंचायतों में राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में सैकड़ों अवैध निजी नर्सिंग होम चल रहे है. इसके बाद भी अब तक किसी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई कर सके.
क्या कहते हैं अधिकारी ?
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकता है कि यहां बिना मेडिकल पढ़ाई किए साइकिल के पंचर बनाने वाले और फ्रिज ठीक करने वाले भी निजी नर्सिंग होम खोलकर इंसानों का इलाज शुरू कर दिया है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब तक ऐसी कई शिकायत मिली हैं. लेकिन अगर नर्सिंग होम कि खिलाफ कार्रवाई की तो पटना से लेकर दिल्ली तक के बड़े नेताओं और अधिकारियों के फोन की घंटी बज उठेगी और मेरी नौकरी चली जाएगी.
कार्रवाई करने की मिली सजा
जिले में एक दो नर्सिंग होम को छोड़कर किसी के पास भी लाइसेंस नहीं है. उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं, क्योंकि सभी पर किसी न किसी मंत्री का हाथ है तो किसी की पहुंच सीएम आवास तक है. अब तक जितने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई करने की कोशिश की है उसके तीसरे दिन ही उसका तबादला कर पीएचसी सेंटर पर भेज दिया गया.
विभाग के पास ऐसे नर्सिंग होम की लंबी सूची
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के रडार पर ऐसे निजी नर्सिंग होम की लंबी लिस्ट है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी केवल लंबी सूची बनाकर फाइलों में रखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनकी पकड़ बक्सर ही नहीं दिल्ली और पटना में भी है.