बक्सर:कोरोना वैश्विक महामारी के बीच, अपने परिश्रम के बदौलत जिला के किसानों ने धान का बंपर उत्पादन किया है. धान की कटनी समाप्ति की ओर है. उसके बाद अब किसान अपने उत्पादन को बेचने के लिये परेशान हैं. किसी भी सरकारी संस्था ने अब तक धान की खरीदारी नहीं की है. जिसके कारण स्थानीय व्यापारी किसानों से औने-पौने दाम पर फसल बेचने के लिए दबाव बना रहे हैं.
धान बेचने के लिए दबाव
जिले के किसानों की माने तो स्थानीय व्यापारी, कोरोना काल और पुनः लॉकडाउन लगने का अफवाह फैलाकर किसानों से औने-पौने दाम पर धान बेचने के लिए दबाव बना रहे हैं. सरकार की ओर से सामान्य धान की कीमत एक हजार 868 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि एक नंबर धान की कीमत एक हजार 888 रुपये तय की गयी है.
खेतों में धान की कटनी
उसके बाद भी स्थानीय व्यापारी एक हजार प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को धान बेचने के लिए कह रहे हैं. खेतों में धान की कटनी कर रहे जिला के किसान हरदयाल केसरी ने बताया कि स्थानीय व्यापारी 1000 से 1100 रुपये प्रति क्विंटल धान बेचने के लिए दबाव बना रहे हैं. सरकारी संस्थाएं धान की खरीदारी नहीं कर रहे हैं. ऐसे में किसान अपना उत्पादन कहां बेचे.