बक्सर: भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में ही स्वास्थ्य विभाग इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहा है. स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीज पर्ची कटाने के बाद घंटों बैठकर डॉक्टर का इंतजार करते रहते हैं. लेकिन न तो अस्पताल में डॉक्टर से मुलाकात होती है और न ही उनका इलाज होता है.
'डॉक्टर दलालों को देते हैं कमीशन'
बता दें कि सरकारी स्वास्थ्य विभाग में डॅक्टरों की घोर कमी है. सदर अस्पताल में 161 की जगह मात्र 54 डॉक्टर उपलब्ध हैं. विभागीय विश्वस्त सूत्रों की मानें तो बक्सर सदर अस्पताल के डॉक्टर अटेंडेंस बनाने के साथ सरकारी अस्पताल छोड़कर निजी क्लिनिक में मरीजों का इलाज करते रहते हैं. सदर अस्पताल में मौजूद दलाल मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी क्लिनिक में भेजते हैं, जिसके एवज में उन्हें कमीशन मिलता है.