बक्सर:विश्वामित्र की पावन नगरी बक्सर (Vishwamitra city Buxar) का नाम भगवान श्रीराम से जुड़ा है. भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) के नाम पर देश भर में तमाम कार्य किये जा रहें हैं. वहीं, बक्सर की शासन और प्रशासन की तरफ से उपेक्षा हो रही है. जिससे यहां के धार्मिक स्थलों के अस्तिव पर खतरा (Threat to Existence of Religious Places in Buxar) मंडराने लगा है. श्रीराम से जुड़े त्रेतायुग के विश्राम सरोवर कूड़ा डंपिंग यार्ड में तब्दील हो गया है. जिस पर जिलाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली है और चुनाव के समय श्रीराम का नारे लगाने वालों के जबान पर ताला लग गया है. प्रशासन के इस रवैये से यहां के लोगों में आक्रोश है.
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विश्राम सरोवर में भगवान राम ने लगायी थी डुबकी: बता दें कि त्रेतायुग में ताड़का, सुबाहु, मारीच आदि राक्षसों का वध कर पंचकोसी परिक्रमा यात्रा (Panchkosi Parikrama Yatra) के पांचवे और अंतिम पड़ाव में इसी विश्राम सरोवर में महर्षि विश्वामित्र, भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने डुबकी लगायी थी. इसके बाद लिट्टी चोखा का भोग लगाया था. तब से लेकर आज तक यह परम्परा चली आ रही है. प्रत्येक साल अगहन मास के पंचमी के दिन देश के कोने कोने से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और पंचकोसी परिक्रमा करते हैं.
विश्राम सरोवर में कूड़ा डंपिंग: लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान भगवान राम केंद्र बिंदु में होते हैं. राम नामी नाव पर बैठकर राजनीतिक पार्टियों के नेता जीत हासिल करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद राम को भूल जाते हैं. यही कारण है कि अब भगवान राम से जुड़े स्थलों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. बक्सर में नगर परिषद के अधिकारियों के कारनामे को देख हर कोई हैरान है. त्रेतायुग में भगवान राम से जुड़े विश्राम सरोवर (Vishram Sarovar in Buxar) को ही अधिकारियों ने कूड़ा डंपिंग यार्ड बनाकर उसमें कूड़ा गिरा रहे हैं. जिससे स्थानीय लोग काफी मर्माहत हैं.
अधिकारी कर रहे नजर अंदाज: नगर थाना क्षेत्र में स्थित विश्राम सरोवर, जिला अतिथि गृह के मुख्य प्रवेश द्वार, राजा रुद्रदेव का किला, नाथ बाबा मंदिर, बाईपास नहर, कर्पूरी ठाकुर लॉ कॉलेज, ठोरा नदी, सिंडिकेट नहर को नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा कूड़ा डंपिंग यार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. जहां से जिलाधिकारी, उपविकास आयुक्त, जिला जज, नगर थाना और एडीएम का आवास मात्र 100 मीटर की दूरी पर है. इसके बावजूद किसी ने आज तक इस पर आपत्ति दर्ज नहीं की. यह धार्मिक नगरी अब कूड़ा की नगरी बनकर रह गयी है.
हर महीने साफ-सफाई में 55 लाख होता है खर्च: बक्सर नगर परिषद क्षेत्र के साफ-सफाई पर प्रत्येक महीने 55 लाख से अधिक की धनराशि खर्च होती है. इसके बावजूद शहर की गंदगी को शहर के अंदर ही डम्प करा दिया जा रहा है. नगर थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड में बसाव मठिया के समीप बिना तालाबों की सफाई कराए ही 12 लाख 50 हजार से अधिक की धनराशि निकाल ली गयी. जिसके विषय में पूछे जाने पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम और योजना पदाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि वरीय अधिकारियों जानकारी देने के लिए मना किया है.
भगवान राम ने शुरू की थी पंचकोसी यात्रा: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, त्रेतायुग में जब राक्षसों का आतंक बढ़ा तो महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ से सहायता मांगने के लिए अयोध्या गए. जहां से वह भगवान राम और लक्ष्मण को लेकर बक्सर आये. बक्सर में भगवान राम और लक्ष्मण ने ताड़का, सुबाहु, मारीच आदि राक्षसों का वध कर राक्षस विहीन कर दिया. ताड़का का वध कर नारी हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए महर्षि विश्वामित्र और लक्ष्मण के साथ राम ने शहर के राम रेखा घाट से पांच कोष की यात्रा शुरू की. जिसे पंचकोसी यात्रा के नाम से जाना जाता है.