बक्सरः बिहार के कई जिलों में बाढ़ से हालात गंभीर हो गए हैं. नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार बारिश से सूबे की सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जल सैलाब से सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के कई गांव प्रभावित हुए हैं.
वहीं, बक्सर जिला में लगातार गंगा नदी का जलस्तर नीचे गिर रहा है. अभी भी गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 7 मीटर दूर है. उसके पहले ही प्रशासनिक अधिकारी पहले से सारी तैयारी पूरी कर ली है.
- 15 जुलाई -53.350 मीटर
- 16 जुलाई- 53.330 मीटर
- 17 जुलाई- 53.270 मीटर
- 18 जुलाई- 53.200 मीटर
- 19 जुलाई-53.00 मीटर
- 20 जुलाई- 52.98 मीटर
- 21 जुलाई 53.00 मीटर
क्या कहते हैं अधिकारी
केंद्रीय जल आयोग के गेज रीडर मोहम्मद अजीम ने बताया कि गंगा की जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. अभी भी गंगा नदी की पानी चेतावनी बिंदु से 7 मीटर दूर है. बाढ़ तो तब आएगी जब गंगा की जलस्तर में वृद्धि होगी.
गंगा का जलस्तर 7 मीटर दूर
वहीं बाढ़ की तैयारी को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि गंगा का जलस्तर 7 मीटर दूर है. उसके बाद भी जिला प्रशासन और आपदा विभाग की ओर से राहत कैंप के स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है. वर्ष 2019 की अपेक्षा वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए दुगना राहत कैंप बनाया जाएगा. साथ ही साथ प्रत्येक राहत कैंप के पास ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक आइसोलेशन सेंटर का भी निर्माण किया जाएगा.
राहत कैंप
वहीं, डीएम ने कहा कि यदि राहत कैंप में कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज पाये जाते हैं, तो उनका भी इलाज किया जाएगा. मवेशियों के लिए 43 जगहों पर चारा की सुविधा को देखते हुए, राहत कैंप का जगह चिह्नित किया गया है. आवश्यकता पड़ेगी तो और भी राहत कैंप बनाया जाएगा.
गौरतलब है कि बक्सर जिला में वर्ष 2016 एवं 19 में गंगा नदी का जलस्तर 60.320 खतरा के निशान को पार कर गंगा की पानी कई गांव में प्रवेश कर गया था. हालांकि इस बार चेतावनी बिंदु से ही जलस्तर 7 मीटर दूर है.