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बक्सर: खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा, पांच प्रखंड के 18 पंचायत बाढ़ की चपेट में

बिहार (Bihar) के बक्सर में अभी भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसके चलते जिले के पांच प्रखंड के 38 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

बक्सर में बाढ़
बक्सर में बाढ़

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Published : Aug 15, 2021, 9:27 AM IST

बक्सर: बिहार (Bihar) के बक्सर (Buxar) जिले में गंगा (Ganga) और कर्मनाशा नदी (Karmanasha River) उफान पर है. जिले में गंगा खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं कर्मनाशा नदी का पानी भी कई गांवों को पूरी तरह से घेर लिया है. बाढ़ का पानी जिले के पांच प्रखण्ड के 18 पंचायत के 38 से अधिक गांव में घुस गया है. जिसके चलते लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.


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सिमरी प्रखण्ड के नियाजीपुर, राजपुर, गंगौली पंचायत के लगभग एक दर्जन छोटे बड़े गांव को बाढ़ की पानी ने अपने चपेट में ले रखा है. लोगों के घरों में घुटने भर से लेकर कमर तक पानी है. सैकड़ों लोग बाढ़ को देखते हुए उत्तरप्रदेश में पलायन कर गए लेकिन अभी भी सैकड़ों परिवारों को सरकार की ओर से मिलने वाली मदद का इंतजार है.

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जिला मुख्यालय से 37 किलोमीटर दूर श्रीकांत राय के डेरा से लेकर, नगपुरा, केशोपुर और राजपुर इलाके तक बाढ़ में फंसे लोगों तक जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारियों के दावे की पोल खोलकर रख दिया.


सिमरी प्रखण्ड के गंगौली पंचायत अंतर्गत श्रीकांत राय के डेरा के लगभग सभी घरों में पानी प्रवेश कर गया है. दलित और महादलित परिवरों की हालत और भी बदतर है. लोग घुटने भर पानी में खड़े होकर किसी मसीह के आने का इंतजार कर रहे हैं. बाढ़ पीड़िता ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर, मुखिया, विधायक, सीओ, वीडियो सभी वोट से चक्कर लगाकर चले जा रहे हैं लेकिन जिन गांवों में पानी है, वहां कोई भी नहीं रहा है.

बाढ़ पीड़िता ने बताया कि जिला प्रशासन के तरफ से कोई मदद नहीं मिला है. यहां से 5 किलोमीटर दूर सामुदायिक किचन चल रहा है लेकिन उस सामुदायिक किचेन तक पहुंचने का साधन नहीं है. ईटीवी भारत के चौसा प्रखण्ड के बाढ़ क्षेत्र का लगातार खबर दिखाए जाने के बाद शनिवार से बनारपुर पंचायत में सामुदायिक किचन की शुरूआत की गई लेकिन अभी भी सिमरी, चक्की, ब्रह्मपुर प्रखण्ड के कई ऐसे गांव है जहां कोई भी सरकारी मदद नहीं पहुंच रहा है.

बीजेपी के स्थानीय नेता ललन यादव ने सरकार के सभी दावों का पोल खोलते हुए कहा कि मैं बीजेपी का जमीनी कार्यकर्ता हूं लेकिन यह कहने में कोई परहेज नहीं है कि, सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी जो दावे कर रहे हैं. वह कहीं भी जमीन पर नहीं है, क्योंकि कोई भी अधिकारी जमीन पर उतरकर रियलिटी देखने की कोशिश ही नहीं कर रहे हैं.



वहीं बाढ़ से परेशान नीरज कुमार ने कहा, बाढ़ की पानी में सभी चप्पाकल डूब चुका है. अधिकारी पीने की पानी तक का व्यवस्था नहीं करा पाए हैं. हमलोग गंदे पानी को छानकर पीने को मजबुर हैं.



गौरतलब की जिले में गंगा एवं कर्मनाशा नदी ने तबाही मचाकर रख दिया है. केंद्रीय जल आयोग के सहायक अभियंता नीलाम्बर शर्मा ने फोन पर बताया कि एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में गिरावट दर्ज किया जा रहा है लेकिन अभी भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

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