बक्सर:कोरोना वैश्विक आपदा को लेकर देश में लगे लॉकडाउन का इफेक्ट प्रकृति पर दिखने लगा है. वातावरण साफ होने के साथ ही अब इसका साफ असर गंगा नदी पर भी देखा जा सकता है. एक दशक में पहली बार जीवनदायिनी गंगा का जल निर्मल हो गया है. अब ये गंगा जल पीने लायक हो गया है.
गंगा का पानी हुआ निर्मल
गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए मोदी सरकार की ओर से नमामि गंगा योजना के तहत अब तक अरबों रुपये खर्च किए जा चुके हैं. फिर भी गंगा साफ नहीं हो पाई. लेकिन, कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन का इफेक्ट अब गंगा के जल पर भी दिखने लगा है. कल कारखाने बंद होने के कारण एक दशक में पहली बार गंगा का जल पीने योग्य हुआ है.
भारत सरकार, राज्य सरकार, जिला प्रशासन की ओर से अब तक गंगा को साफ और निर्मल बनाने के लिए अरबों रुपये पानी की तरह बहाए गए. उसके बाद भी गंगा का पानी स्वच्छ नहीं हो पाया था. लेकिन इस वैश्विक महामारी के कारण जारी लॉकडाउन ने यह कर दिखाया.
'वर्षों का काम महीनों में हुआ'
गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर गंगा आरती के पुजारी लाला बाबा ने कहा कि एक दशक में पहली बार गंगा का जल इतना स्वच्छ हुआ है. पानी इतना साफ है कि पीने का मन होता है. इस वैश्विक आपदा ने प्रकृति को फिर से अपने मूल स्वरूप में लौटा दिया है. केंन्द्र और राज्य की सरकारें जो 50 वर्षो में नहीं कर पाई, वो काम वैश्विक आपदा ने कुछ ही महीनों में कर दिया.