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बक्सर: बाढ़ से 6 प्रखंडों में फसल बर्बाद, प्रशासन ने दिया मुआवजे का आश्वासन - बाढ़ ने बक्सर जिले में काफी तबाही मचाई

किसानों की समस्या को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद माना कि बक्सर जिले में किसानों की तैयार फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.

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Published : Sep 26, 2019, 11:20 PM IST

बक्सर: जिले के 6 प्रखंडों में आई भीषण बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ रखी है. जिला के चौसा, इटाढ़ी, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुत्र प्रखंड में बाढ़ से बड़ी मात्रा में फसलों का नुकसान हुआ. किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द फसल क्षति का मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की है.

किसानों की मांग
किसानों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार या जिला प्रशासन जल्द से जल्द उनकी फसलों का मुआवजा दे, नहीं तो वे भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे. किसानों की मानें तो गांव की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हुई है. किसानों ने समय पर मुआवजा नहीं मिलने पर अनशन की बात कही है.

सदर एसडीएम के के उपाध्याय

जिले में किसानों को भारी नुकसान
किसानों की समस्या को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद माना कि बक्सर जिले में किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि किसानों की तैयार फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. इस बाबत उन्होंने जिला प्रशासन से लेकर बिहार सरकार तक को अगाह कर दिया है.

केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे

लोगों को किया गया जागरूक
प्रभावित इलाकों में फैलने वाले संक्रमण बीमारियों को लेकर बक्सर सदर एसडीएम केके उपाध्याय ने कहा कि जिन इलाकों में बाढ़ का पानी कम हुआ है, वहां लोगों को संक्रमण को लेकर जागरूक किया गया है. लोगों को संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है.

फसल बर्बादी को लेकर मुआवजे की मांग

दवाओं के छिड़काव के आदेश
इसके अलावा डिस्ट्रिक मलेरिया ऑफिसर, पीएचईडी विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लगातार दवाओं के छिड़काव के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. एसडीएम ने कहा कि किसानों के फसल नुकसान का आकलन किया जा रहा है. आकलन की प्रक्रिया पूरी होते ही किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा.

किसानों की समस्या
गौरतलब है कि 2016 में आई बाढ़ ने बक्सर जिले में काफी तबाही मचाई थी. 3 साल बाद आई इस बाढ़ ने किसानों की कमर ही तोड़ डाली है. किसानों के खेत में लगे धान, टमाटर, बैगन, मक्का, मरीच, धनिया आदि फसल इस बार पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों को साहूकारों के कर्ज चुकाने से लेकर परिवार को भोजन उपलब्ध कराने तक की चिंता सताने लगी है.

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