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बक्सर में अपराधियों का तांडव, 8 दिन में 8 लोगों को मारी गोली

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Published : Dec 1, 2020, 5:33 PM IST

बक्सर में अपराधियों ने 8 दिन में 8 लोगों को गोली मारी है. मंगलवार को राजपुर विधानसभा क्षेत्र के खीरी गांव में दो लोगों के बीच शुरू हुई बहस में अचानक गोली चलने लगी. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है.

firing on eight people
firing on eight people

बक्सर: जिले में इन दिनों अपराधियों का हौसला सातवें आसमान पर है. अपराधी दिनदहाड़े पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. पिछले 8 दिनों के अपराध के आंकड़ों को देखा जाए तो, अलग-अलग थाना क्षेत्र में 8 लोगों को गोली मारी गई है.

दीपावली से लेकर अब तक लगभग 2 दर्जन लोगों को अपराधियों ने गोली मारी है. जिसमें अब तक 2 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं अन्य हॉस्पिटल में इलाजरत हैं.

अधिवक्ता को मारी गोली
नए पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह के पदभार लेने के साथ ही अपराधियों ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लालगंज में एक अधिवक्ता को गोली मारकर हत्या करने के साथ ही जो खूनी खेल की शुरुआत अपराधियों ने किया था, वह सिलसिला अब तक जारी है. पुलिस अभी एक मामले की उद्भेदन कर नहीं पाती है, तब तक अपराधी किसी दूसरे को गोली मार देते हैं.

दो लोगों के बीच बहस
कुछ ऐसा ही मामला मंगलवार को राजपुर विधानसभा क्षेत्र के खीरी गांव में देखने को मिला. जहां दो लोगों के बीच शुरू हुई बहस में अचानक गोली चलने लगी. उसी दौरान दरवाजे पर खड़े कलेन्दर त्रिभु नामक व्यक्ति के हाथ में गोली लग गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने सदर अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया.

देखें पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस विधायक की पहल
राजपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम की पहल पर जिला के नए सदर अस्पताल में पहली बार डॉक्टर भूपेंद्र नाथ और अमलेश कुमार की टीम ने ऑपरेशन कर गोली को शरीर से बाहर निकाला.

गरीबों को मिलेगी राहत
जिसके बाद कांग्रेस विधायक ने अस्पताल कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि जहां के लोगों ने 2 बार केन्द्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री दिया हो, वहां की सरकारी अस्पताल की बदहाल स्थिति को देखकर हैरानी होती है. लेकिन जिस तरह से डॉक्टरों ने मेरे निवेदन पर ऑपरेशन कर गोली को शरीर से बाहर निकाला. उससे गरीब व्यक्तियों को काफी राहत मिलेगी.

प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव
बता दें जिले में पिछले 8 दिनों से चल रहे खूनी संघर्ष पर विराम लगाने के लिए जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है. उसके बाद भी हालात में कोई बदलाव होते नहीं दिखाई दे रहा है. अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस कब तक अपराधियों पर नकेल कसने में सफल हो पाती है.

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