बक्सर: बक्सर में मौसम का मिजाज बदल गया है. 13 जनवरी से ही घने कोहरे की चादर में पूरा जिला लिपटा है. आलू, टमाटर, मटर, सरसों की फसल को भारी नुकसान हो रही है. पाला फसलों को मारने लगा है. किसानों की फसलें सूखने लगी हैं. वहीं कुछ किसान यूरिया की कालाबाजारी के कारण यूरिया की खरीद नहीं कर पा रहे हैं. राजपुर प्रखंड के कुछ किसानों ने इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों से की है. आरोप लगाते हुए किसानों से कहा है कि 265 रुपये की यूरिया को दुकानदार 500 रुपये में बेच रहे हैं. शिकायत करने पर अधिकारी जमीन के पेपर की मांग करते हैं.
85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं फसल की हुई है बुआई
कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर जिला में 80-85 हजार हेक्टेयर भूमि पर केवल गेहूं फसल की बुआई हुई है. जबकि, टमाटर 950 हेक्टेयर भूमि पर, सब्जी मटर 750 हेक्टेयर भूमि पर, आलू 3 हजार हेक्टेयर भूमि पर, मिर्च 500 हेक्टेयर भूमि पर, बैगन 700 हेक्टेयर भूमि पर, गोभी 750 हेक्टेयर भूमि पर, मसूर 3 हजार 200 हेक्टेयर भूमि पर, अरहर लगभग 300 हेक्टेयर भूमि पर और चना की 2 हजार 500 हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने खेती की है.
हालांकि धीरे-धीरे जिला के किसानों की रुझान चन्ना फसल की ओर बढ़ रहा है. क्योंकि कम लागत में किसान इसे आसानी से उपज कर लेते हैं.
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क्या कहते हैं बक्सर प्रखंड के किसान
मौसम में आये बदलाव को लेकर किसान हरदयाल केशरी ने बताया कि घने कोहरे के कारण फसलों को पाला मारने लगा है. पिछले एक सप्ताह से पूरे दिन घने कोहरे की चादर में पूरा इलाका लिपटा हुआ रहा. जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. जिस खेत की सिंचाई हम लोगों ने पहले कर दी है. उस खेत की नमी खत्म नहीं हो रही है. जिस कारण फसल पीली होने लगी है.