बक्सर: जिला में धान की अधिप्राप्ति पर खूब सियासत हो रही है. विपक्षी पार्टी के विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तो पैक्स कर्मी जिला प्रशासन के अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगा रहे हैं. पैक्स कर्मियों के पैतरे से किसान परेशान हैं. जिला प्रशासन के अधिकारी सरकारी संस्थाओं के माध्यम से धान की खरीद कराने की जिद पर अड़े हुए हैं. जिलाधिकारी की सख्ती देख अब पैक्स कर्मी धान की खरीद नहीं करने का दूसरा बहाना ढूंढ रहे हैं.
मैदान में उतरे जिलाधिकारी
किसानों की परेशानी देख जिलाधिकारी खुद मैदान में उतरे हैं. जिलाधिकारी के निर्देश पर कृषि विभाग के अधिकारी गांव-गांव जाकर जिस किसान को धान बेचना है उनकी लिस्ट बना रहे हैं. यह लिस्ट 31 दिसंबर तक ई-पोर्टल पर अपलोड करना है. इसमें किसान का नाम, संबंधित पैक्स का नाम, धान की कैटेगरी, डेट और कितना धान बेचना है इसकी जानकारी दी गई है. 1 जनवरी से 10 जनवरी के अंदर संबंधित सरकारी समिति को लिस्ट में दर्ज किसानों से धान खरीदना पड़ेगा.
पैक्स कर्मियों ने शुरू की पैतरेबाजी
जिलाधिकारी का सख्त रूख देख अब पैक्सकर्मी धान नहीं खरीदने के लिए दूसरा बहाना ढूंढ़ने लगे हैं. पैक्स कर्मियों ने जिलाधिकारी पर पैक्स और मिल की टैंगिंग में उलटफेर कर पैक्स कर्मियों को परेशान करने का आरोप लगाया है. पैक्स कर्मियों का कहना है कि अगर हमारी इच्छा अनुसार मिल से टैंगिंग नहीं की गई तो हम धान की खरीद बंद कर देंगे.
"16 दिसंबर को पैक्स कर्मियों ने अपने इच्छा अनुसार मिलों की सूची उपलब्ध कराई थी. कुल 42 मिल से पैक्स को टैग करने के बाद 23 दिसंबर को जिलाधिकारी ने पत्र जारी कर इसमें उलटफेर कर दिया. यदि हमारे इच्छा अनुसार मिल टैग नहीं किया गया तो आगे हम बैठक कर धान की खरीद नहीं करने का निर्णय भी ले सकते हैं."- सत्येंद्र कुमार, कॉपरेटिव अध्यक्ष