बक्सर: बिहार में आयी बाढ़ से ज्यादातर इलाकों में फसलें बर्बाद (Crops Destroyed by Flood) हो गयी. वहीं, जो फसलें बची हैं, वह खाद की कमी से नष्ट (Crops Destroyed due to Lack of Fertilizer) होने की कगार पर हैं. ताजा मामला बक्सर का है, जहां यूरिया के लिए लगातार किसान संघर्ष (Farmers Struggling for Urea) कर रहे हैं. विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. लेकिन कालाबाजारी जारी है. लोग कृषि कार्यालय और दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं. हालांकि कृषि पदाधिकारी का दावा है कि कहीं भी यूरिया की दिक्कत नहीं है. वार्ड, पंचायत और गांव तक यूरिया पहुंचाने का ठेका विभाग ने नहीं लिया है.
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डुमराव अनुमंडल अंतर्गत नवानगर इलाके के किसानों ने बताया कि सुबह 6 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक यूरिया के लिए भटक रहे हैं. लेकिन यूरिया नहीं मिल रही है. जिस दुकानदार के पास यूरिया है. वह मनमाने दाम पर अपने लोगों को बेच रहे हैं. उत्तरा नक्षत्र में धान के गाभे में बाली आना शुरू हो गया है. ऐसे में यदि यूरिया का छिड़काव नहीं हुआ तो 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन कम हो जाएगा. दुकानों पर कालाबाजारी जारी है. अपने परिचितों को दुकानदार खाद उपलब्ध करवा रहे हैं. 300 से लेकर 500 रुपये बोरी के हिसाब से खाद मिल रही है.
हालांकि खाद विक्रेताओं का कहना है कि विभाग के द्वारा सीमित मात्रा में यूरिया दुकानदारों को उपलब्ध करायी जा रही है. जबकि किसानों की संख्या अधिक है. जिससे लोग झगड़ा करने पर उतारू हो जा रहे हैं. हम लोग चाहकर भी किसानों की मदद नहीं कर पा रहे हैं.