बक्सर में किसानों का बवाल बक्सरः बिहार के बक्सर में करीब 10 हजार करोड़ की लागत से 1320 मेगावॉट का चौसा में थर्मल पावर प्लांट का निर्माण (Thermal Power Plant Land Dispute) हो रहा है. जिसको लेकर किसानों और प्रशासन के बाद विवाद खड़ा हो गया है. किसान बगैर मुआवजा फसल लगे खेतों में काम शुरू करने का विरोध कर रहे है. आक्रोशित किसानों ने आज चौसा पावर प्लांट पर हमला बोल (Farmers Create Ruckus in Buxar) दिया. इस दौरान किसानों ने पुलिस की गाड़ी में भी आग लगा दी. आगजनी में एसजेवीएन की तीन बस, पुलिस के एक बज्रवाहन और फायर ब्रिगेड के बड़े वाहन के अलावे तीन मोटरसाइकल और एसजेवीएन के गेट पर बने केविन भी जलकर राख हो गए.
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बक्सर में मुआवजे के लिए उग्र हुए किसान : किसानों का आरोप है कि मंगलवार की रात पुलिस ने उनके घर में घुसकर बर्बरतापूर्ण पिटाई की. जिसके बाद किसान उग्र हो गए. बुधवार की सुबह किसान चौसा थर्मल पावर प्लांट में घुस गए. किसानों ने सबसे पहले पावर प्लांट के गेट में आग लगा दी. इसके बाद वहां मौजूद ब्रजवाहन को भी आग लगा दी. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने भी तकरीबन 6 राउंड हवाई फायरिंग की. पूरा इलाका पुलिस छावनी बना हुआ है. दोनों तरफ से पत्थरबाजी हो रही है.
किसानों को मिला था आश्वासन : किसानों का आरोप है कि उन्हें कम्पनी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि कम्पनी के इस इलाके में स्थापित हो जाने के बाद इस जिले में तीव्र गति से विकास होगा. कंपनी के सीएसआर फंड से यहां बड़े-बड़े स्कूल, होटल और रोजी रोजगार के संसाधन बढ़ाए जाएंगे, चारों तरफ खुशहाली होगी. नौकरी में स्थानीय लोगों को वरीयता दी जाएगी. लेकिन किसानों ने बताया कि कम्पनी के अंदर सभी कर्मियों की बहाली अन्य प्रदेशों से की गई है.
"हमलोग पिछले 2 महीने से वर्तमान दर के हिसाब से भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजे मांग रहे हैं, लेकिन कम्पनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. हमारे आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस हमारे साथ मारपीट कर रहा है, घर में घुसकर बच्चों तक को मारा गया. आखिर हमारा कसूर क्या है, जो पुलिस ने हमें इतनी बर्बरता से मारा."- पीड़ित किसान
बिना मुआवजा, किसानों की जमीन कब्जा रही सरकार? : इससे पहले सोमवार की शाम किसान और पुलिस प्रशासन आमने-सामने आ गए. किसनों ने थर्मल पावर प्लांट का काम रोक दिया. किसानों का कहना था कि पहले मुआवजे की राशि मिले और फिर काम शुरू हो. इसके बाद सोमवार की शाम किसानों और प्रशासन के बीच भी विवाद हुआ. पुलिस कई किसानों को थाने ले गई. जिसके बाद से किसान आक्रोशित थे.
क्या है किसानों की मांगः किसानों ने बताया कि चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट (Thermal Power Plant Land Dispute) के लिए उनकी भूमि का अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. उस वक्त उन्हें 2010-11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया गया था. उसके बाद जब कम्पनी ने 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की तब किसानों ने वर्तमान दर के हिसाब से जमीन का मुआवजा मांगा, जो देने के लिए कम्पनी तैयार नहीं है. इसी के विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच मंगलवार की देर रात पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं पुरुषों और बच्चों पर लाठियां बरसाईं, जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल हो गए.