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बक्सर: धान की बिक्री नहीं होने से किसान परेशान, कैसे होगा रबी फसल की बुआई - बिहार में धान की खरीद

15 नवम्बर से ही जिला में रबी फसल की बुआई शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार धान की बिक्री नहीं होने से परेशान किसान है और रबी फसल की बुआई भी नहीं हो पाई है.

Buxar
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Published : Dec 1, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 8:11 PM IST

बक्सर:सरकार की ओर से किसान से लाभकारी मूल्य पर धान खरीद की शुरुआत नहीं किए जाने से किसान अपने फसल को औने-पौने दाम में बेचने को विवश हैं. 15 नवम्बर से ही जिला में रबी फसल की बुआई शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार धान की बिक्री नहीं होने से परेशान किसान है और रबी फसल की बुआई भी नहीं हो पाई है.

धान की बिक्री नहीं होने से किसान परेशान

धान की बिक्री नहीं होने से परेशान जिला के दर्जनों किसानों ने भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के पूर्व सांसद तेजनारायण सिंह से मुलाकात कर अपनी परेशानियों को बताया. इस दौरान पूर्व सांसद ने कहा कि देश मे सबसे अधिक परेशानियों का सामना अन्नदाताओं को ही करना पड़ रहा है. यदि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो, जिले में इस साल रबी फसल की आधे से भी कम बुआई होगी और जुलाई महिना में कोई भी किसान धान की फसल नहीं लगाएगा.

देखें रिपोर्ट...

'धान की खरीदारी शुरू नहीं'
बिहार सरकार ने 15 नवम्बर से पहले ही यह घोषणा किया गया था कि ए-ग्रेड का धान 1888 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि साधारण धान 1868 रुपये प्रति क्विंटल पैक्सों और व्यपार मण्डल के माध्यम से खरीदारी करना है. उसके बाद भी खरीददारी शुरू नहीं हुई.

'धान की खरीदारी शुरू नहीं'
24 नवम्बर को जिलाधिकारी अमन समीर ने प्रेस वार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया था कि 23 नवम्बर से 31 मार्च तक जिला मे धान की खरीददारी होगी. लेकिन अब तक धान की खरीददारी शुरू नहीं हुई. वहीं, इस मामले को लेकर जब पैक्स अध्यक्षों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि धान खदीदने के लिए सरकार की ओर से पैसा नहीं दिया गया है.

छठ पर्व के दौरान बक्सर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से भी 21 नवम्बर को किसानों ने धान की खरीददारी नहीं होने की शिकायत की थी, जिसके बाद मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यह आश्वासन दिया था कि जल्द ही धान की खरीददारी होगी. उसके बाद भी सरकारी संस्थाओं ने धान का क्रय शुरू नहीं किया.

'किसानों के खलिहान में पड़ा है धान'
गौरतलब है कि सरकार और जिलाधिकारी के पहल के बाद भी पैक्सों की मनमानी के कारण धान खलिहान में ही पड़ा है. विभाग की ओर से यह घोषणा किया गया है कि डिफाल्टर पैक्सों को पंचायत के नजदीकी पैक्स पंचायत से टैग किया गया है. लेकिन किस पंचायत के पैक्सों को किस पंचायत के साथ टैग किया गया है. यह जानकारी किसी भी किसानों को नहीं है, जबकि कई ऐसे किसान है, जो कृषि विभाग के सभी बैठकों में भाग लेते है.

Last Updated : Dec 1, 2020, 8:11 PM IST

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