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सदर अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र पर लगा ताला, सिविल सर्जन बोलीं- मैन पावर की है कमी - मैन पावर की कमी

डॉक्टर उषा किरण ने बताया कि एक नशा मुक्ति केंद्र को चलाने के लिए लिए कम से कम 6 नर्स के अलावा 3 डॉक्टर और सिक्योरिटी की जरूरत होती है. लेकिन सरकारी उदासीनता और विभागीय लापरवाही के कारण महीनों तक इसकी पूर्ति नहीं की गई.

बक्सर का नशा मुक्ति केंद्र हुआ बंद

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Published : Sep 14, 2019, 12:58 PM IST

बक्सर: जिले में राज्य सरकार की ओर से बने नशा मुक्ति केंद्र पर शनिवार को ताला लगा दिया गया. डॉक्टरों का कहना है कि इसको चलाने के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं. इस कारण केंद्र को बंद कर दिया गया. वहीं, यहां आने वाले मरीजों को अब ओपीडी में ही इलाज करके घर भेज दिया जाता है.

नशा मुक्ति केंद्र पर जड़ा ताला
दरअसल, राज्य में शराबबंदी के बाद से ही पूरे बिहार में कई जगहों नशा मुक्ति केंद्र बनाए गए. वहीं, जिले के सदर अस्पताल में बने नशा मुक्ति केंद्र पर शनिवार को ताला लगा दिया गया. बताया गया है कि इसको बनाने में लाखों रुपये का खर्च आया था, लेकिन लोगों के अभाव के कारण यह ठीक से चल नहीं सका. इसके बाद केंद्र के अधिकारियों ने इस पर ताला लगाना ही बेहतर समझा.

नशा मुक्ति केंद्र पर लगा ताला

मैन पावर का था अभाव
डॉक्टर उषा किरण ने बताया कि एक नशा मुक्ति केंद्र को चलाने के लिए लिए कम से कम 6 नर्स के अलावा 3 डॉक्टर और सिक्योरिटी की जरूरत होती है. लेकिन सरकारी उदासीनता और विभागीय लापरवाही के कारण महीनों तक इसकी पूर्ति नहीं की गई. इस कारण नशा मुक्ति केंद्र पर स्थाई रूप से ताला लगा दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि आए दिन मरीजों का आना लगा रहता है, लेकिन अब उनको ओपीडी में ही देखकर घर भेज दिया जाता है.

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