बक्सरः चौसा के महदेवा घाट पर 4 दर्जन से अधिक लाशें एक किलोमीटर के दायरे में बिखरी पड़ी मिली हैं. गिद्ध और कुत्ते शवों को नोच-नोच कर अपना आहार बना रहे हैं. इससे गंगा घाट किनारे का नजारा और भी वीभत्स हो गया है. चौसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार ने ईटीवी भारत से इस बात की पुष्टि की है.
संदेह जताया जा रहा है कि जिन लोगों की कोरोना काल में घर में ही मौत हो गयी, उन्हें गंगा किनारे परिजनों द्वारा फेंक दिया गया. आशंका है कि ये लाशें उत्तर प्रदेश से बहकर आयी हैं. गंगा नदी के महदेवा घाट पर गंगा में दर्जनों लाशों के तैरते हुए पाए जाने के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है. जिलाधिकारी अमन समीर ने इस मामले पर अपना बयान दिया है.
"घाट पर लाशें मिलने के बाद अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया. जिसमें ये पाया गया कि जल प्रवाह के माध्यम से चौसा घाट पर लाशें पहुंच गयी हैं. चूंकि यह घाट बक्सर और उत्तर प्रदेश का बॉर्डर है. इस लिहाज से भी अंचलाधिकारी ने मामले की पड़ताल की. जिसमें ये पाया गया कि बक्सर की लाशें तो घाट पर जलाई जा रही है. वहीं यहां मिलने वाली लाशें जलप्रवाह के माध्यम से बहकर आयी हैं. आज सुबह में करीब 30 की संख्या में लाशें बहकर चौसा घाट पहुंची हैं. यथासंभव सम्मान के साथ शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है."-अमन समीर, जिलाधिकारी, बक्सर