बक्सर: जिले में ऐतिहासिक पंचकोशी मेला चल रहा है. इस अवसर पर यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं. यहां गंगा घाटों पर स्नान करने के बाद लिट्टी चोखा खाने की परंपरा है. पंचकोश यात्रा लेकर पुलिस भी मुस्तैद दिख रही है.
हजारों श्रद्धालु बक्सर के रामरेखा घाट पर गंगा स्नान करने पहुंचे हुए हैं. यहां स्नान करने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. साथ ही शहर के किला मैदान में हजारों लोग जुटे हुए हैं. इस अवसर पर एक अनोखी परंपरा है. स्नान करने के बाद लोग यहां लिट्टी चोखा बनाने में जुट जाते हैं, लिट्टी चोखा ही प्रसाद माना जाता है.
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हिन्दू धर्म में हैं कई मान्यताएं
इस मेले को लेकर हिन्दू धर्म में कई मान्यताएं हैं. लोगों का कहना है कि पंचकोशी मेला का इतिहास काफी पुराना है. भगवान श्रीराम विश्वामित्र नगरी बक्सर पहुंचे थे, तब उन्होंने यहां पांच जगहों की यात्रा की थी. जहां जो कुछ खाएं उस व्यंजन को लोग प्रसाद समझकर खाते हैं. पंचकोशी यात्रा के अंतिम पड़ाव में भगवान श्रीराम ने बक्सर में लिट्टी चोखा खाकर विदा हुए थे. इसके बाद से ही श्रद्धालु लिट्टी चोखा को प्रसाद के रूप में खाते हैं.
पुरोहित और श्रद्धालु का बयान पंचकोश यात्रा को लेकर प्रशासन मुस्तैद
पंचकोश यात्रा में आए श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था की जाती है. इसको लेकर पुलिस अलर्ट है. जगह-जगह सादे ड्रेस में पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. वहीं, श्रद्धालु पंचकोश यात्रा को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं. श्रद्धालु यहां स्थित मंदिरो में पूजा अर्चना कर सपरिवार सुख और समृद्धि की कामना करते हैं.