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बक्सर: रोज कमा कर खाने वाल बेहाल, मुन्ना तिवारी बोले- टिप्पणी नहीं काम करने का वक्त है

सूप, पंखा, दौरा बुनकर सड़क किनारे बेचने वाले गरीबों का लॉकडाउन ने रोजगार छीन लिया. सरकारी सहायता नही मिलने के कारण अब ये भूखे परेशान हैं.

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Published : Apr 3, 2020, 3:56 PM IST

बक्सर: लॉकडाउन में आमजन तो परेशान हैं ही, लेकिन उनसे भी ज्यादा परेशान हैं रोजाना कमाने खाने वाले लोग. फुटपाथ पर रहकर कमाने खाने वाले जैसे तैसे गुजर बसर कर रहे हैं.

बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने पहल करते हुए राशन कार्ड वाले परिवारों को 1 माह का राशन मुफ्त देने के साथ ही, 1000 की सहायता राशि के अलावा पेंशनर्स को 3 महीने की एडवांस पेंशन की भुगतान की है. साथ ही छात्रों को स्कॉलरशिप देकर राहत पहुंचाने का प्रयास जरूर किया है, लेकिन वैसे लोग जिनके पास ना तो राशन कार्ड है, और ना ही कोई रोजगार उनकी तकलीफें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

इन लोगों के छप्पर के मकान

क्या कहते हैं ये लोग
सड़क किनारे सूप, पंखा, दौरा बुनकर बेचने वाले राम अवतार राम ने बताया कि पिछले 3 दिनों से घर में चूल्हा नहीं जल पाया है, क्योंकि ना तो हमारा बनाया हुआ कोई सामान खरीदने आ रहा है, और ना ही किसी तरह की कोई मदद मिल रही है. चुनाव के समय नेताओं का जमावड़ा लगा रहता है. लेकिन इस विपदा में तो कोई सुध लेने वाला भी नहीं है.

विधायक मुन्ना तिवारी का बयान
वहीं, स्थानीय विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि बक्सर में निराश्रित एवं असहाय लोगों के लिए मेरे पहल पर जिला प्रशासन के द्वारा रैन बसेरा आइसोलेट कर खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन के साथ हमारे लोगों के द्वारा भी ऐसे लोगों को चिन्हित कर वहां पहुंचाया जा रहा है. यह समय टीका टिप्पणी का नहीं एकजुट होकर काम करने का है. सभी जनप्रतिनिधि का यह दायित्व बनता है कि ऐसे लोगों की मदद करें.

इन गरीबों की बस्ती

जिले में 9 सामुदायिक किचन बनाये गये हैं
बता दें कि बक्सर जिले में 9 सामुदायिक किचन बनाये गये हैं, लेकिन किसी भी सामुदायिक किचन पर 1 दर्जन से अधिक लोग नहीं हैं. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की तरफ से लोगों तक मदद कितना पहुंच पा रहा है.

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