बक्सर:बक्सर वासियों के लिए बीता साल कई मायने में अहम रहा है. कोरोना की दूसरी लहर में जहां 10 मई 2021 को जिले के चौसा प्रखंड के महदेवा गंगा घाट पर नदी में तैरती सैकड़ों लाशों के खौफनाक मंजर को याद कर आज भी लोग सहम जाते हैं. वहीं, इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए तीन ऑक्सीजन प्लांट, आरटीपीसीआर लैब, के साथ ही जिले को सिटी स्कैन मशीन की सौगात मिली, जो लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है.
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जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र इस साल सबसे ज्यादा अशांत रहा. 1990 के दौर में शाम ढलते ही घरों की दरवाजे बंदकर लोग खुद को घरों में कैद कर लेते थे. कमोबेश हालात वैसा ही रहा. साल के अंतिम महीने में भी अपराधियों ने तीन दिनों में तीन लोगों को गोली मारकर (Crime in Buxar), पुलिस को खुली चुनौती दी. उसके बाद भी स्थानीय पुलिस, बालू और शराबियों के पीछे ही भागती रही.
बिगड़ती विधि व्यवस्था को लेकर कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने एसपी से लेकर थानेदारों पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा (MLA Vishwanath Ram statement on increasing crime in Buxar) कि ''मेरे विधानसभा क्षेत्र में तीन थाने पड़ते हैं. लेकिन तीनों थाने को थानेदार नहीं दलाल चलाते हैं. बालू से लेकर शराब और हत्या में किसे पकड़ना है, किसको छोड़ना है, किससे कितना पैसा लेना है, यह दलाल ही तय करते हैं.''