बक्सर: बिहार की राजनीति में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar politics) का मुद्दा फिलहाल छाया हुआ है. पक्ष हो या विपक्ष, दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर जारी है. विपक्ष के साथ ही सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के नेता भी शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमलावर हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी नीतीश कुमार को निशाना बना रहे हैं. शराबबंदी की समीक्षा की मांग की जा रही है. इसे लेकर कांग्रेस क्या सोचती है, इसे समझने के लिए ETV भारत बक्सर सदर सीट से कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी से बात की.
ETV भारत- शराबबंदी को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है. सीएम नीतीश कुमार पर हमले हो रहे हैं. इसको आप किस रूप से देखते हैं?
संजय कुमार तिवारी- देखिए, शराबबंदी का फैसला 2016 में जो लिया गया था, वो नीतिगत फैसला सराहनीय था लेकिन जिस तरह से आज शराब की डोर डिलीवरी, होम डिलीवरी तक की जा रही है, ये शर्मनाक है. बार-बार उनके घटक दलों द्वारा सुझाव दिया जा रहा है कि शराबबंदी कानून की समीक्षा (liquor prohibition law review) हो. कांग्रेस ने भी स्पष्ट सदन में मांग की थी कि शराबबंदी ठीक है लेकिन उससे जो आय होता है, उससे बेरोजगारों को रोजगार देने में सहायता मिलेगी.
हमारा राजस्व का नुकसान जा रहा है. शराबबंदी के नाम पर होम डिलीवरी हो रही है. तमाम पुलिसकर्मियों और अधिकारियों शराबबंदी के काम में लगा दिया गया है. अपराध की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं. इस पर कोई टीका टिप्पणी नहीं हो रही है. कोई उद्भेदन नहीं हो रहा है. सिर्फ और सिर्फ शराबबंदी. शराबबंदी की समीक्षा होनी चाहिए.
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ETV भारत- जेडीयू का कहना है कि हमारा राजस्व नुकसान हो रहा है लेकिन पहले शराब पीने से लोग बीमार होते थे, वह कम हो गई हैं. इससे प्रदेश वासियों को लाभ हो रहा है.
संजय कुमार तिवारी- ये हास्यास्पद है. ये निरंतर सुनने और देखने को मिल रहा है कि जहरीली शराब को पीने से मौतें हो रही है. यह घटनाएं निरंतर हो रही हैं. मेरे यह कहने का मतलब है कि जो शराबबंदी आपने किया, इससे तो अधिक लोग परेशान हैं, तबाह हैं. लोग मर रहे हैं. इससे बढ़िया है कि शराबबंदी की समीक्षा हो.
ETV भारत- पिछले दिनों गोपालगंज में, नालंदा में जहरीली शराब से मौत होने की बात सामने आयी. अब छपरा में हुई है. इसके लिए आप किसे जिम्मेदार मान रहे हैं?