बक्सर: बिहार की नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली बक्सर में धरातल पर नहीं उतर पा रही है. स्वच्छता को लेकर सरकार के द्वारा किए जा रहे तमाम दावे फेल साबित हो रहे हैं. आलम ये है कि बक्सर शहर से रोज निकलने वाला 30 टन कचड़ा बाईपास और ठोरा नदी में ही डाले (Waste Is duming in Thora River) जा रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन के द्वारा जिस जमीन पर डंपिंग यार्ड बनाने की बात चल रही है, उसमें राजपुर विधायक ने अड़ंगा लगा दिया है. विधायक ने तो यहां तक कह दिया कि अगर यहां डंपिंग जोन बनेगा तो हमारी लाश पर बनेगा.
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दरअसल, शहर से निकलने वाले कचड़े को डंप करने के लिए अधिकारी अब तक स्थल का चुनाव नहीं कर सके हैं. जिले के डुमरांव और बक्सर अनुमंडल में (Dumping Zone Construction in Chausa) आज भी कूड़ा डंप करने के लिए कोई स्थल नही है. जिसके कारण जल स्त्रोत, सड़क, नदी, नहर, खेल के मैदानों में धड़ल्ले से कचड़े को डंप किया जा रहा है. इससे शहर प्रदूषित तो हो ही रहा है, सरकार की जल जीवन हरियाली योजना पर भी ग्रहण लग रहा है.
इन प्रदूषित रास्तों से जिले के जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, व्यवहार न्यायालय के जज से लेकर अन्य पदाधिकारी गुजरते तो हैं लेकिन किसी ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया है. इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने बक्सर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम से बात की तो उन्होंने जमीन उपलब्ध नहीं होने का हवाला दिया.
उन्होंने कहा कि 4 महीने पहले तक जमीन उपलब्ध नही होने के कारण बाईपास नहर एवं अन्य जल स्रोतों में शहर के कचड़े को डंप किया जा रहा था, लेकिन अब नहीं किया जा रहा है. लेकिन अब नहीं किया जा रहा है. लेकिन उन्हें साक्ष्य दिखाया गया तब चौसा प्रखंड में जल्द ही डंपिंग यार्ड बनाने की बात उन्होंने कही.
इस गंभीर मसले को लेकर जनप्रतिनिधि भी लगातार सवाल उठा रहे हैं. राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथराम ने कहा कि सरकार की जल जीवन हरियाली योजना उनके विधानसभा क्षेत्र में जमीन पर नहीं है. अधिकारी लूट मचाए हुए हैं. कचड़े के कारण जिला लगातार प्रदूषित होता जा रहा है.