बक्सर:बिहार के बक्सर (Buxar) जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत देकुली गांव के रहने वाले कांग्रेस नेता सह गहौना पंचायत के पैक्स अध्यक्ष प्रभुदत्त ओझा के 35 वर्षीय बेटे विपिन बिहारी ओझा का अपहरण (Kidnapping) हो गया है. इसकी लिखित शिकायत परिजनों ने ब्रह्मपुर थाने में दर्ज कराई है. घटना के 2 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है. हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए बक्सर पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह खुद इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
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घटना की जानकारी देते हुए अपहृत बिपिन बिहारी ओझा के पिता प्रभुदत्त ओझा ने बताया कि मेरे बेटे की उम्र 35 वर्ष है. हम लोग सामाजिक और राजनीतिक जीवन में रहने वाले लोग हैं. किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है. दो दिन पहले रात 8 बजे मेरे पुत्र के मोबाइल पर किसी का फोन आया और कुछ देर में बाहर से लौट कर आने की बात कहकर वो घर से वह निकल गया.
''काफी खोजबीन करने के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो हम लोगों ने थाने में अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई है. अभी तक कहीं से भी फिरौती या अन्य किसी चीज की मांग को लेकर फोन नहीं आया है. सरकार सुशासन की दुहाई दे रही है. यदि यही सुशासन है तो जंगलराज की परिभाषा क्या है. यह सरकार को बताना चाहिए.''-प्रभुदत्त ओझा, अपहृत के पिता
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परिजनों के बयान सामने आने के बाद सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि बिहार में सुशासन नहीं गुंडों का राज कायम है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अर्ध विक्षिप्त अवस्था में पहुंच गए हैं.
इस घटना को लेकर बक्सर पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह ने कहा कि इस घटना को हम लोग अपहरण मानकर ही चल रहे हैं. अपहृत व्यक्ति की सकुशल बरामदगी के लिए कई स्तर पर टीम का गठन कर कार्रवाई की जा रही है. मैं खुद इस पूरे मामले को देख रहा हूं. जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा पुलिस कर देगी.
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गौरतलब है कि जिले में करीब 1 साल पहले डुमराव थाना क्षेत्र से रिटायर्ड एक फौजी के बेटे का भी अपराधियों ने अपहरण कर लिया था. उस समय जिले के तत्कालीन एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा की तमाम कोशिशों के बाद भी अपहृत युवक की सकुशल बरामदगी नहीं हो पाई थी और अपराधियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया था. एक साल बाद फिर जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र से नेता पुत्र के अपहरण का मामला सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है. लोग सुशासन पर सवाल उठा रहे हैं, तो परिजन जंगलराज की परिभाषा पूछ रहे हैं. देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस कब तक अपहृत व्यक्ति को सकुशल बरामद कर पूरे मामले का खुलासा कर पाती है.