बक्सर: गंगा नदी में अचानक कई लाशें मिलने से बक्सर जिला प्रशासन में हड़कंप (Buxar Administration Stirred up due to dead bodies) मच गया. इस खबर के ईटीवी पर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद जिले के प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया. बक्सर के एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा रात वहां पहुंचे. उसके बाद वहां पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. 5 शवों (Five dead bodies at Ramrekha Ghat in Buxar) को निकाला गया. तीन सदस्यीय मेडिकल टीम शवों का पोस्टमार्टम किया. उसके बाद शवों को गंगा में प्रवाहित किया गया.
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क्या कहते हैं डॉक्टर: शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट भूपेंद्र नाथ ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा बक्सर के रामरेखा घाट (Ramrekha Ghat of Buxar) पर पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया गया. इसके बाद डॉक्टर आर बी श्रीवास्तव, डॉक्टर अनिल कुमार के साथ नाथ बाबा घाट पर पहुंचकर पोस्टमार्टम किया. शव पूरी तरह से सड़ चुके थे. कुछ लाशों को तो पहले से ही पोस्टमॉर्टम करके फेंका गया था. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि इनका किससे और किस प्रकार का संबंध है.
क्या कहते है अधिकारी: शहर के रामरेखा घाट पर गंगा नदी में लाशों के पाये जाने को लेकर पूछे जाने पर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि गंगा नदी में शव होने की बातें मीडिया के माध्यम से ही पता चलीं. रात्रि 1 बजे के बाद गंगा नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. सभी 5 लाशों का पोस्टमार्टम गंगा घाट पर ही कराया गया. बॉडी को देखने से प्रतीत हो रहा था कि पहले भी इन शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है. ये लाशें कहां की हैं, कहां से बहकर यहां आई हैं, यह कहना मुश्किल है. हो सकता है कि ये लाशें उत्तर प्रदेश की सीमा से आई हों.
स्थानीय लोगों का दावा: रामरेखा घाट निवासी राहुल खरवार ने बताया कि अक्सर गंगा नदी में लाशें दिखाई देती रहती हैं. पिछले 10-15 दिनों में अब तक 20 से अधिक लाशें रामरेखा घाट पर पायी गयी हैं. शव किनारे आने पर नगर परिषद के अधिकारी उसे पुनः डंडे के सहयोग से नदी में धकेल देते हैं. वह बहते हुए किसी और घाट पर चला जाता है.
नमामि गंगे योजना के नाम पर खिलवाड़:गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए नमामि गंगे योजना के नाम पर भारत सरकार के द्वारा अब तक 20 अरब से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है. उसके बाद भी शहर के अलग-अलग गंगा घाटों पर मवेशी और इंसानों के शव दिखाई देते हैं. हर बार अधिकारी यह दावा करते हैं कि लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा लेकिन केवल फोटो सेशन कर अधिकारी निकल जाते हैं. ऐसे में गंगा कितना स्वच्छ हो पाएगी, यह बताने की जरूरत नही है.
आपको बताते चलें बुधवार को शहर के रामरेखा घाट पर काम कर रहे मजदूरों ने गंगा घाटों पर एक साथ 5 लाशों को देख ईटीवी भारत की टीम को सूचना दी. जैसे ही रात्रि में खबर प्रकाशित हुई, जिला प्रशासन के अधिकारी 1 बजे रात्रि में लाव-लश्कर पहुंचे और सर्च ऑपरेशन चलाना शुरू कर दिया. सभी शव को बाहर निकालवाकर पोस्टमार्टम करने के बाद उनकाे गंगा में प्रवाहित किया गया.
एक साल पहले भी मिली थीं सैकड़ों लाशें: कोरोना की दूसरी लहर ने बक्सर समेत पूरे देश में जिस तरह से तबाही मचाई थी, वह मंजर आज भी लोग नहीं भूल पाए हैं. 10 मई 2021 को जिले के चौसा प्रखंड के महादेवा घाट पर एक साथ गंगा नदी से सैकड़ो लाशें बरामद हुई थीं. एक साल बाद एक बार फिर गंगा नदी में लाशें मिलने लगी हैं. इसके बाद कोरोना काल का वह मंजर आंखों के सामने घूमने लगा है.
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