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बक्सर का बेटा सिपाही से बना लेफ्टिनेंट, गांव पहुंचने पर संजीत सिंह का ऐसे हुए स्वागत, खूब बंटी मिठाई - बिहार न्यूज

Buxar News: कहते हैं जो लोग अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए डटे रहते हैं और मेहनत करते हैं, कामयाबी उनके कदम जरूर चूमती है. इसको बक्सर जिले के एक युवा ने सच कर दिखाया है. बक्सर का यह बेटा अपने मेहनत के दम पर सिपाही से लेफ्टिनेंट बन गया है, जिससे परिवार वालों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है. पूरे गांव में इस मौके पर मिठाई बांटी गई. पढ़ें पूरी खबर.

बक्सर का लाल सिपाही से बना लेफ्टिनेंट
बक्सर का लाल सिपाही से बना लेफ्टिनेंट

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 13, 2023, 2:18 PM IST

Updated : Dec 14, 2023, 12:08 PM IST

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बक्सर: मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे. ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी. आज के दौर में एक ओर जहां युवाओं का रुझान सोशल मीडिया, गैमिंग जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ज्यादा रहता है तो वहीं बक्सर के एक युवा ने सफलता हासिल करने के लिए खामोशी से मेहनत कर मिसाल कायम की है. हम बात कर रहे हैं बक्सर के रहने वाले संजीत सिंह की.

बक्सर का बेटा सिपाही से बना लेफ्टिनेंट :संजीत जिले के डुमरांव अनुमंडल अंतर्गत चक्की प्रखंड के अरक गांव के पश्चिम टोला निवासी रिटायर्ड सूबेदार सत्यदेव सिंह के बेटे हैं. इन्होंने सिपाही की नौकरी करते हुए कठिन मेहनत कर लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है, जिससे पूरे गांव में खुशी का माहौल है.

संजीत को मिठाई खिलाते मां-पिता

लेफ्टिनेंट बेटे के आते ही गांव में बंटी मिठाईयां: लेफ्टिनेंट की ट्रैनिंग खत्म होने के बाद जब संजीत अपने गांव लौटे तो गांव में दिवाली जैसा माहौल देखने को मिला. सभी लोग संजीत की इस सफलता से काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, वहीं उनके परिजनों का तो सीना गर्व से चौड़ा हो गया है. संजीत के आने से ग्रामीणों ने पूरे गांव में मिठाईयां बांटी.

संजीत का गांव में जोरदार स्वागत:अफसर बेटे के गांव आते ही स्वागत के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. गांव वालों ने अपने लाल को फूल-मालाओं से लाद दिया, अंग वस्त्र दे उनका स्वागत किया गया. इस दौरान संजीत के माता-पिता से लेकर ग्रामीणों ने भी कहा कि बेटे ने उनका सपना साकार किया है. इससे ज्यादा खुशी की कोई बात नहीं हो सकती.

संजीत के दादा ने माला पहनाकर दिया आशिर्वाद

"जितना सोचा नहीं था, उससे ऊपर मेरे बेटे ने कर दिखाया है. बेटे को आशिर्वाद देने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हो गया है. मेरा सपना मेरे बेटे ने अपनी मेहनत से पूरा किया है. उसने अपनी कठिन मेहनत से लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है. उसने परिवार के साथ-साथ पूरे गांव का नाम रौशन किया है."- सत्यदेव सिंह, पिता

2016 में बना सिपाही, 2023 में बना अफसर:मिली जानकारी के अनुसार संजीत ने बचपन से ही फौज में जाने का मन बना लिया था. साल 2013 में उन्होंने मैट्रिक और 2015 में इंटर पास कर सेना में भर्ती की तैयारी शुरू कर दी. पहले ही प्रयास में 2016 में सेना में सिपाही के लिए चयनित हो गए. इस दौरान नौकरी करते हुए भी उन्होंने मन लगाकर तैयारी शुरू कर दी. वहीं, 2019 में एसएसबी की परीक्षा उतीर्ण कर आईएमए (देहरादून) में चयनित हुए. इसके बाद चार साल ट्रेनिंग के बाद लेफ्टिनेंट (आर्मी) पद प्राप्त किया.

अफसर बनकर पेश की मिसाल:बहरहाल सिपाही से अफसर बनकर गांव लौटे संजीत, युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए हैं. संजीत ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के अलावे परिजनों को दिया है. उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है. सही दिशा में किया गया परिश्रम का परिणाम हमेशा सार्थक होता है.

"मन लगाकर पढ़ाई करने से सफलता हासिल होती है. मेरे परिवार और गांव वाले इस सफलता से काफी खुश हैं. मुझे भी उनकी खुशी देखकर अच्छा लग रहा है. ये हमारे लाइफ का बहुत बड़ा मोमेंट है."- संजीत सिंह, लेफ्टिनेंट

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Last Updated : Dec 14, 2023, 12:08 PM IST

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