बक्सर:अपने पौराणिक महत्व के लिए बक्सर देशभर में मशहूर है. रामायण काल से इस शहर के नाम की चर्चा होती आ रही है. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान रामचन्द्र और लक्ष्मण ने अपने गुरू ऋषि विश्वामित्र के साथ जनकपुर मार्ग से होते हुए गंगा नदी पार किया था.
गंगा ने जमीन को बनाया है उपजाऊ
यहां गंगा हर किसी के जीवन में रची बसी हैं. यहां गंगा ने इस पूरे इलाके की मिट्टी को अपनी शीतलता देकर उपजाउ बनाया है. खेती यहां के लोगों का सबसे बड़ा आधार है. इसलिए भी यह जिला समृद्ध है. बक्सर राजनीति का गढ़ माना जाता है. इस लोकसभा सीट में 6 विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर, रामगढ़, दिनारा हैं. 2014 में बीजेपी प्रत्याशी अश्विनी चौबे यहां से जीतकर संसद पहुंचे और केंद्र में मंत्री बने. शुरू से ही इस सीट पर बीजेपी का बोलबाला रहा है.
अश्विनी चौबे का राजनीतिक इतिहास
अश्विनी कुमार चौबे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री और 16 वीं लोक सभा के सदस्य हैं. वह भारतीय जनता पार्टी से संबंधित एक भारतीय राजनेता हैं. बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं.
जगदानंद सिंह दे रहे चुनौती
इस बार का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प है. मैदान में दो धुरंधर आमने-सामने हैं. एक तरफ बीजेपी ने दोबारा अपने केंद्रीय मंत्री पर भरोसा जताया है तो वहीं महागठबंधन ने राजद के जगदानंद सिंह को यहां से टिकट दिया है.
जगदानंद सिंह का परिचय
राजद से जगदानंद सिंह बक्सर से पूर्व सांसद रह चुके हैं. उन्होंने रामगढ़ विधानसभा से 6 बार चुनाव जीता और विधायक बने. 2009 में उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता था. इसबार भी वह जीतोड़ मेहनत में जुटे हैं.