बक्सर:बिहार के बक्सर में आधी रात को अनुमंडलीय अस्पताल और पीएचसी में दुर्व्यवहार के बाद सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा (Buxar Civil Surgeon Suresh Chandra Sinha) ने डॉक्टरों की आपात बैठक बुलाई. उन्होंने सभी को हिदायत देते हुए कहा कि मरीजों के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त से बाहर है. सभी लोग किसी भी समय मरीजों के साथ अच्छे से पेश आए. आप सभी को कार्य संस्कृति में सुधार लाने के साथ ही रोगियों के साथ मधुर व्यवहार होना चाहिए. सभी कर्मियों को अपने ड्यूटी पर मुस्तैदी से रहना चाहिए.
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डॉक्टरों को इलाज करने की दी सलाह: उन्होंने सदर अस्पताल के सभी चिकित्सकों के साथ बैठक कर कर्तव्य का पाठ भी पढ़ाया. उन्होंने कहा कि निश्चय ही मिशन 60 के तहत अस्पतालों की व्यवस्थाएं बेहतर हुई हैं. इसे बेहतर से बेहतरीन बनाने की जिम्मेदारी चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों की है. ऐसे में सभी को अपना सहयोग देना चाहिए.
"सदर अस्पताल के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों के बारे में कई दिनों से शिकायतें मिल रही थी. तब जाकर औचक निरीक्षण करने की ठानी. बड़ी बड़ी बिल्डिंग बना देने से मरीजों को फायदा नहीं होगा. आप सभी को खुद की नीयत बदलने और इलाज करने से मरीजों का फायदा होगा".- डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा, सिविल सर्जन, बक्सर
कई दिनों से मिल रही थी शिकायत: उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों के बारे में कई दिनों से शिकायतें मिल रही थी. तब जाकर औचक निरीक्षण करने की ठानी. बड़ी बड़ी बिल्डिंग बना देने से मरीजों को फायदा नहीं होगा. आप सभी को खुद की नीयत बदलने और इलाज करने से मरीजों का फायदा होगा.
रोगियों के साथ अस्पताल में दुर्व्यवहार: सीएस सुरेश चंद्र सिन्हा ने कहा कि कई बार ऐसी शिकायतें मिलती थी कि सरकारी अस्पताल में रोगियों के साथ बेहतर व्यवहार नहीं किया जाता. जिसका जमीनी हकीकत जानने के लिए आधी रात को मैं खुद मरीज बनकर अनुमंडलीय अस्पताल और पीएचसी में पहुंचा तब मालूम हुआ कि स्वास्थ्यकर्मी से लेकर गार्ड तक मरीजों का इलाज तो करना दूर, सीधी मुंह बात भी नही करते है. जिसे किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
नए सिविल सर्जन की तेवर से सहमे स्वास्थ्य कर्मी:दरअसल, बक्सर में पदस्थापन के पश्चात सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा लगातार अस्पतालों की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रहे है. इसी प्रयास के तहत उन्होंने रात को अचानक अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंच गए. जो खामियां पाई गई. उस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित लोगों से जवाब तलब किया.