बक्सर: स्वच्छ भारत योजना पर सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है. लेकिन जिले में इस योजना को नगर परिषद के अधिकारी ही मुंह चिढ़ा रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में भी शहर में गंदगी का अंबार है. 30 लाख रुपये प्रति महीना खर्च करने के बाद भी गंदगी का ये हाल है.
बक्सर में सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति, शहरभर में है गंदगी का अंबार - Buxar cleaning fails
बक्सर नगर परिषद लगभग 30 लाख रुपये प्रति महीना शहर की सफाई पर खर्च करती है. इसके बाद भी शहर से गंदगी दूर नहीं हो रही है. त्योहारों में भी शहर में गंदगी से यहां के लोगों में मायूसी है.
मामला बक्सर के नगर परिषद का है. यहां स्वच्छ भारत अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. बक्सर नगर परिषद लगभग 30 लाख रुपये प्रति महीना शहर की सफाई पर खर्च करती है. इसके बाद भी शहर से गंदगी दूर नहीं हो रही है. यहां सफाई में लगी एक एनजीओ शहर की गंदगी को किला मैदान के पीछे फेंक देती है. इसके बाद उसमें आग दिया जाता है. इससे शहर में काफी प्रदूषण हो रहा है.
'पैसों का हो रहा बंदरबाट'
इस मामले को लेकर नगर परिषद के नगर प्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सफाई की जिम्मेदारी एक एनजीओ को दी गयी है. विभाग उसकी मॉनिटरिंग कर रहा है. त्योहारों के दिनों में शहर साफ नहीं हुआ तो एनजीओ पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, छठ में शहर की सफाई नहीं होने से लोगों में मायूसी है. लोगों की माने तो सफाई के नाम पर केवल पैसों का बंदरबाट किया जा रहा है.