बक्सर: बिहार के बक्सर (Buxar) में बाईपास नहर (Bypass Canal) में कूड़े को डंप किया जा रहा है. कूड़े के ढेर (Garbage Dump) से उठने वाली वाले दुर्गंध के कारण आसपास रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. आरोप है कि जिले के बड़े अधिकारी ही सरकारी नियमों का धज्जियां उड़ा रहे हैं. हैरानी की बात है कि वरीय अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं.
यह भी पढ़ें:बक्सर में सफाई पर हर महीने खर्चा होता है 34 लाख, फिर भी शहर नहीं हो रहा स्वच्छ
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय के अंतर्गत जल जीवन हरियाली योजना (Jal Jeevan Hariyali Yojana) परवान नहीं चढ़ रहा. राज्य सरकार जल संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर आहर, नहर, तालाब, पोखर और कुएं का जीर्णोद्वार करवा रही है.
ऐसे में बाईपास नहर में कूड़ा डालने के लिए पहुंचे कर्मियों ने बताया कि नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा बाईपास नहर में कूड़ा डंप करने के लिए कहा गया है. वहां हम लोग कूड़ा डंप कर रहे हैं. हम तो आदेश पालक मात्र हैं. आदेश का पालन कर रहे हैं.
देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट. सरकारी नियमों के धज्जियां उड़ाए जाने काे लेकर जब नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना को जमीन पर उतारने के लिए हम लोग भी दिन-रात लगे हुए है. लेकिन कूड़ा डंप करने के लिए जगह ही नहीं है. इसके कारण बाईपास नहर में ही कूड़ा डंप कराया जा रहा है. जल्द ही इस समस्या का निराकरण किया जाएगा.
यह भी पढ़ें:बक्सरः नगर परिषद का कारनामा, शहर के कूड़ा से भरा जा रहा बाईपास नहर
बाईपास नहर के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि एक तरफ जहां जल जीवन हरियाली योजना के तहत सरकार जल संचयन के लिए नहर, तालाब, आहर, पोखर का जीर्णोद्वार करा रही है. सरकारी अधिकारी ही नहर में कूड़ा डंप करा रहे हैं.
इस कूड़े की ढेर से उठने वाली दुर्गंध के कारण काफी परेशानी होती है. इस बाईपास नहर से 500 मीटर की दूरी पर व्यवहार न्यायालय से लेकर समाहरणालय तक स्थित है. उसके बाद भी सभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
बक्सर शहर की साफ-सफाई पर प्रत्येक माह नगर परिषद के द्वारा लगभग 35 लाख रुपए खर्च किये जाते हैं. उसके बाद भी मिनी काशी के नाम से मशहूर बक्सर शहर में कूड़े का अंबार लगा हुआ है. विभागीय अधिकारी किला मैदान के आसपास से लेकर बाईपास नहर में कूड़ा डंप करा रहे हैं.