बक्सर:कोरोना काल में एक ही एंबुलेंस का चौथी बार उद्घाटन कर विवादों में घिरे केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को बचाने के लिए बीजेपी जद्दोजहद में लगी है. वहीं, दूसरी तरफ उसी एंबुलेंस का ढाई साल में भी रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण अब परिवहन विभाग के अधिकारी सभी एंबुलेंस को जब्त करने की तैयारी में है. पूरे मामले में अब धनुष फाउंडेशन से लेकर बीजेपी के नेता अब परिवहन विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाकर निबंधन कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं.
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6 एंबुलेंस के निबंधन में फंसा पेंच
निबंधन के इंतजार में ढाई साल तक अलग-अलग मालिकों के यहां सेवा दे रही एसजेवीएन कम्पनी द्वारा गिफ्ट की गई 6 एंबुलेंस के निबंधन में पेंच फंस गया है. जिला परिवहन पदाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि बीएस 4 मॉडल की गाड़ियों के निबंधन पर सुप्रीम कोर्ट ने ही रोक लगा दी है, जिसके कारण हिंदुस्तान के किसी भी प्रदेश से इस मॉडल की गाड़ियों का निबंधन नहीं हो पाएगा.
निबंधन के लिए बनाया जा रहा दबाव
वहीं, विभागीय सूत्रों की माने तो इस मामले को ईटीवी भारत के खुलासा करने के बाद कई वरीय अधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी पर निबंधन करने के लिए दबाव बना रहे हैं. अब तक ट्रांसपोर्ट विभाग से लेकर कई बड़े लोग फोन कर चुके हैं. उसके बाद भी जिला परिवहन पदाधिकारी ने साफ कर दिया है कि इस मॉडल की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा. जिसके बाद एंबुलेंस लेने वाले एनजीओ से लेकर बीजेपी के नेताओं की परेशानी बढ़ गई है.
स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल
वहीं, स्थानीय लोगों की मानें तो सितंबर 2018 में धनुष फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन हुआ था. जिसका 3 साल का कार्यकाल सितंबर 2021 में पूरा होगा. उससे पहले ही विभाग ने इस एनजीओ को बिना निबंधन के एनजीओ को कैसे सुपुर्द कर दिया, जबकि किसी भी एनजीओ को कोई भी सरकारी योजना को नहीं दिया जा सकता है.
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''बीएस-4 मॉडल की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2020 में ही रोक लगा दी है. जब तक विभाग के द्वारा कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की जाती है, तब तक इस मॉडल की गाड़ियों का निबंधन नहीं हो पाएगा. धनुष फाउंडेशन से लेकर तमाम लोग प्रतिदिन आ रहे हैं, लेकिन उनको स्पष्ट बता दिया है कि इस मॉडल की गाड़ियों का निबंधन पूरे हिंदुस्तान में कहीं से नहीं होगा.''-मनोज रजक, जिला परिवहन पदाधिकारी