बक्सर: मानसून की पहली बारिश होने के साथ ही काले हिरणों के जीवन पर संकट के काले बादल मंडराने लगे हैं. शिकारी दियारा इलाका में पाए जाने वाले इन काला हिरण का शिकार आवारा कुत्ता के माध्यम से लगातार करते रहते हैं. इस पर वन विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है. वहीं, शिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस वजह से शिकारी हर साल इन इलाकों में काला हिरण का शिकार करते हैं.
बक्सर जिला के पांच प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की, ब्रह्मपुर के गंगा दियारा के इलाका में सैकड़ों की संख्या में काला हिरण पाए जाते हैं. बरसात के मौसम में इन इलाकों में जलजमाव के कारण जान बचाने के लिए हिरण ग्रामीण इलाकों की तरफ रुख करते हैं. जहां, घात लगाकर बैठे शिकारी पहले आवारा कुत्ता के माध्यम से इनको घायल कराते हैं. उसके बाद आराम से इनका शिकार करते हैं.
शिकारियों का है बोलबाला
जिला के सिमरी और ब्रह्मपुर प्रखंड में इन शिकारियों का इतना बोलबाला है कि इन के डर से स्थानीय लोग विरोध भी नहीं कर पाते हैं. जिसकी वजह से मनमाने ढंग से इन हिरणों का शिकार किया जाता है. स्थानीय युवक ने बताया कि बरसात की वजह से मैदानी इलाके में रहने वाले ये काला हिरण ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करते हैं. जहां, पहले से जाल बिछाकर बैठे शिकारी आराम से पकड़ कर ले जाते हैं.
जिलाधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
वहीं, जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि पिछली बार इस तरह का मामला सामने आया था. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया दूसरी तरफ हिरणों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आदेश दिया गया है. बता दें इस मौसम में प्रत्येक वर्ष गंगा दियारा के इलाका में दर्जनों काला हिरण शिकारियों के भेंट चढ़ जाते हैं. बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. जिसकी वजह से इनका मनोबल सातवें आसमान पर है. यहीं, कारण है कि दिन के उजाले में भी शिकारी हिरणों को शिकार करने से बाज नहीं आते हैं.