बक्सर: बिहार के ज्यादातर जिले फिलहाल चमकी की चपेट में है. मुजफ्फरपुर के बाद धीरे-धीरे यह बीमारी अब बक्सर, नालंदा, भोजपुर और पूर्णिया में भी फैल चुकी है. अबतक सैकड़ों बच्चे इसका शिकार हो चुके हैं. लगातार यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि बक्सर के लोगों को अबतक इसकी सुध नहीं है.
जिले के महादलित बस्ती के लोगों को चमकी बुखार का नाम भी अबतक नहीं सुना है. इससे साफ जाहिर है कि प्रशासन का जागरूकता अभियान चलाने का दावा खोखला है. चमकी से अनजान परिजन अपने बच्चों को तेज धूप और गंदगी में खेलता छोड़ दे रहे हैं.
बक्सर सदर अस्पताल में नहीं है इंतजाम
चमकी मरीजों के लिए सदर अस्पताल में व्यवस्था पूछने पर बक्सर सिविल सर्जन ने बताया कि इसकी लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल एक भी आईसीयू बेड है. अगर कोई गंभीर मरीज आ जाए तो उसके उपचार के लिए भी कोई उपकरण नहीं है. ऐसे में मरीजों को रेफर करने के अलावा अस्पताल के पास कोई विकल्प नहीं है.
नालंदा में बच्चे ने तोड़ा दम
बता दें कि नालंदा में भी हालात गंभीर है. मंगलवार सुबह को सदर अस्पताल में एक साथ 7 बच्चों को भर्ती किया गया था, जिसमें 1 बच्चा गंभीर था. उसे पटना भेजा गया. लेकिन, आखिरकार बच्चे ने दम तोड़ दिया.
पूर्णिया में चमकी का डर
चमकी बुखार का कहर अब पूर्णिया में भी फैल रहा है. मंगलवार को तेज बुखार के 5 मामले अस्पताल में आए. जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई. हालांकि मृतका चमकी से पीड़ित थी या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो सकी.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट भोजपुर में आया पहला मामला
भोजपुर में मंगलवार को चमकी बुखार का पहला मामला सामने आया. जिले की एक तीन वर्षीय बच्ची में यह बीमारी पाई गई है. फिलहाल, बच्ची का प्राथमिकी इलाज चल रहा है.
मुख्य बातें
- मुजफ्फरपुर में अब तक चमकी बुखार से 148 बच्चों की मौत
- राज्य के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडे ने अस्पताल का लिया जायजा
- CM नीतीश कुमार ने भी किया मुजफ्फरपुर का दौरा
- परिजनों ने सीएम का किया विरोध
- केन्द्रीय स्वास्थय मंत्री हर्ष वर्धन भी पहुंचे