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कृषि विभाग की खुली पोल: धान के बीज वितरण में धड़ल्ले से हो रही धांधली

कृषि विभाग के अधिकारियों ने सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए अपने पसंद के 8 डीलरों को बीज वितरण का जिम्मा सौंप दिया. इस पर जिला कृषि पदाधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि जिन डीलरों पर प्रश्न चिन्ह लगा है, उन्हें बीज नहीं दिया गया है.

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Published : Jun 8, 2019, 9:11 PM IST

धान के बीज

बक्सर:जिला कृषि कार्यालय में अधिकारियों के नए-नए कारनामे देखने को मिल रहे हैं. पहले तो विभाग के अधिकारियों ने एक ही परिवार के कई लोगों को बीज वितरण करने का लाइसेंस दे दिया. अब इन अधिकारियों ने सरकार के निर्देशों को दरकिनार करते हुए तीन की जगह आठ डीलरों को धान के बीज बेचने की जिम्मेदारी दे दी है.

1500 क्विंटल से ज्यादा बीज की मांग
कृषि कार्यालय ने बिहार बीज निगम से जिले के किसानों के लिए 1500 क्विंटल से ज्यादा बीज की मांग की थी. इसके एवज में बिहार बीज निगम ने 460.85 क्विंटल बीज उपल्बध कराने के साथ उसे तीन डीलरों के माध्यम से जिले के हर प्रखंड में कैम्प लगाकर किसानों को बीज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.

डिलरों के नाम
जिला कृषि पदाधिकारी के बयान

सरकार के आदेश को किया दरकिनार
लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए अपने पसंद के 8 डीलरों को बीज वितरण का जिम्मा सौंप दिया. मामला तूल पकड़ता देख जिला कृषि पदाधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि जिन डीलरों पर प्रश्न चिन्ह लगा है, उन्हें बीज नहीं दिया गया है.

3 की जगह 8 डीलरों को दी गई जिम्मेदारी
सरकार के निर्देशानुसार दो से तीन डीलरों के माध्यम से बीज किसानों तक पहचाना है. लेकिन किसानों को जल्दी बीज मिल जाये इसे देखते हुए 8 डीलरों को बीज पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है.

डिलरों के नाम

बीज से भरा हुआ मिला गोदाम
अधिकारी के इस बयान के बाद ईटीवी के रिपोर्टर ने जब बिहार बीज निगम के गोदाम का जायजा लिया को पूरा गोदाम में बीज से भरा हुआ मिला. जबकि जिला कृषि पदाधिकारी के अनुसार सारे बीज सभी प्रखंडो में भेज दिया गया है, तो फिर ये बीज गोदाम में कैसे पड़ा हुआ है?

कृषि भवन

2% किसान ही डाल पाए बीज
बता दें कि रोहिणी नक्षत्र में धान का बीज डालना खरीफ की खेती के लिए उत्तम माना जाता है. लेकिन मौसम की बेरुखी और अधिकारियों की मनमानी के कारण पूरे जिले में मात्र दो प्रतिशत किसान ही बीज डाल पाए हैं, जबकि 98 प्रतिशत किसान नहरों में पानी आने का या मौसम की मेहरबानी का इंतजार कर रहे हैं.

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