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Buxar Train Accident : ट्रेन के डिब्बों की तरह बिखर गया अनुज का सपना, हाथ टूटने से SSB के मेडिकल एग्जाम में हुआ Disqualify

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 18, 2023, 6:21 AM IST

बक्सर में 11 अक्टूबर को हुए ट्रेन हादसे में यूपी के अनुज का सपना पूरी तरह से बिखर गया. वह एसएसबी का मेडिकल एग्जाम देने के लिए असम जा रहा था. तभी रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के ट्रेन डि-रेल हो गई. इस हादसे में अनुज का दाहिना हाथ टूट गया, जिसके कारण उसे परीक्षा में Disqualify कर दिया गया.

Buxar Train Accident
Buxar Train Accident

बक्सर :बिहार के बक्सर जिले में रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास 11 अक्टूबर को भीषण ट्रेन हादसा हुआ. जहां गाड़ी संख्या 12506 नॉर्थ ईस्ट ट्रेन डि-रेल हो गई. इस हादसे ने ट्रेन में सवार अनुज कुमार को ऐसा जख्म दिया जिसे वह ताउम्र नही भूल पाएंगा. आंखों में देश सेवा का भाव लिए यूपी के गजियाबाद से निकला अनुज को क्या पता था कि 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही नॉर्थ ईस्ट सुपरफास्ट ट्रेन उसके ही जीवन पर ब्रैक लगा देगी.

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हादसे में दाहिना हाथ टूटा:दरअसल, अनुज गजियाबाद से असम के लिए निकला था. वह एसएसबी का मेडिकल एग्जाम देने के लिए जा रहा था. ऐसे में 11 अक्टूबर को रात 9 बजकर 53 मिनट पर 12506 नॉर्थ ईस्ट ट्रेन दुर्घटना ग्रस्त हो गई. इस ट्रेंन में सवार अनुज का हादसे में दाहिना हाथ टूट गया. ऐसे में जब वह किसी तरह अपना मेडिकल एग्जाम देने पहुंचा तो एसएसबी के अधिकारियों ने देखते ही उसे वापस लौटा दिया. इस घटना से अनुज पूरी तरह टूट गया, जिसके बाद उसने अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए अपना दर्द बयां किया. उसने तस्वीर के साथ यह जानकारी दी कि इस साल उसका लास्ट अटेम्प्ट था. इस साल उसकी उम्र सीमा पार करने वाली थी. ऐसे में उसका दाहिने हाथ टूटने के साथ ही देश की सेवा करने का उसका सपना भी पूरी तरह से टूट गया.

अनुज के साथ परिवार वालों का भी सपना टूटा: वहीं, अनुज जब एसएसबी की परीक्षा देने के लिए घर से निकला तो उसके मां-बाप और भाई-बहन को भरोसा था कि उनका लाल परीक्षा पास कर सबका नाम रोशन करेगा. लेकिन एक ही झटके में उसके परिजनों का सपना टूटकर बिखर गया. अनुज के घर वालों का मानना है कि यदि यह रेल दुर्घटना नहीं होती तो आज उसका सपना साकार हो गया होता.

इस मरहम का कोई इलाज नहीं: इस हादसे में रेल प्रशासन द्वारा 5 मृतक और 78 घायल की सूची प्रकाशित कर मरहम के रूप में मुआवजे देने का कोशिश कर रही, लेकिन सच बात तो यह है कि इनका जख्म कभी नहीं भर सकता. इसके अलावा ट्रेन में मौजूद अन्य यात्रियों को जो नुकसान हुआ उसका हिसाब भी रेल प्रशासन नहीं लगा सकती.

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