बक्सर:जिले में किसान रबी की फसल की बुवाई कर रहे हैं. इस बार हथिया नक्षत्र में बारिश नहीं होने के कारण खेतों की नमी चली गई. इससे किसान ट्यूबेल के सहारे खेतो की सिंचाई कर रहे हैं. जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 60 प्रतिशत किसानों ने फसल की बुवाई पूरी कर ली है.
रवि फसल की बुवाई
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो जिले में रबी फसल की बुवाई के लिए 15 नवंबर से 15 दिसंबर की तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है. गंगा दियारा इलाके को छोड़कर जिस इलाके में धान की खेती होती है, वहां के किसान धान की कटनी के बाद खेतों की सिंचाई कर रबी फसल की बुवाई करते हैं, जहां नहर की सुविधा नहीं है वहां के किसान ट्यूबेल के सहारे अपने खेतों की सिंचाई कर रबी फसल की बुवाई करते हैं.
65 प्रतिशत खेतों तक एग्रीकल्चर फीडर से पहुंचा बिजली
कृषि कार्य को सुगम करने के लिए जिस इलाके में सिंचाई के लिए नहर का संसाधन नहीं है वहां 65 प्रतिशत खेतों तक एग्रीकल्चर फीडर से बिजली प्राप्त हो रही है. यही कारण है कि गंगा दियारा के किसान भी अब खरीफ और रबी दोनों फसल की बुवाई करने लगे है.
"हथिया नक्षत्र में बारिश नहीं होने के कारण खेतों की नमी चली गई है. किसान खेतों की सिंचाई कर रबी फसल की बुवाई कर रहे हैं. 60 प्रतिशत से अधिक किसानों ने रबी फसल की बुवाई कर ली है. 5 दिनों के अंदर रबी फसल की बुवाई शत-प्रतिशत सम्पन्न हो जाएगी."- डॉक्टर मांधाता सिंह, वैज्ञानिक, कृषि अनुसंधान केंद्र
"नीतीश सरकार में भले ही किसानों को कोई सहूलियत नहीं मिला हो, लेकिन हर खेत तक बिजली का कनेक्शन पहुंच गया है. 18 घंटे एग्रीकल्चर फीडर से किसानों को बिजली प्राप्त हो रही है. जिससे कृषि कार्य आसान और सस्ता हो गया है."- लाल बिहारी गोंड, किसान
धान का रिकॉर्ड उत्पादन
गौरतलब है कि कोरोना वैश्विक महामारी के बीच जिले के किसानों ने प्रवासी श्रमिकों के सहयोग से 90,000 हेक्टेयर भूमि पर धान का रिकॉर्ड उत्पादन कर असंभव को संभव बना दिया है. इसके बाद किसान युद्ध स्तर पर अब रबी फसल की बुवाई करने में लगे हुए हैं.