बक्सर: जिले के व्यवहार न्यायालय परिसर में अपराधियों ने अधिवक्ता चितरंजन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद पूरे परिसर में हलचल मच गई. वहीं मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के तमाशबीन बने रहने के कारण अधिवक्ताओं के बीच आक्रोश है. वकीलों ने मृतक के परिवार को सरकार की तरफ से 1 करोड़ मुआवजा दिये जाने की मांग की है.
बता दें कि मृतक चितरंजन सिंह बक्सर प्रखंड के जगदीशपुर पंचायत के निवासी था. हर रोज की तरह बुधवार को भी जैसे ही वे न्यायायिक काम निपटाकर घर जाने के लिए निकला, उसी दौरान पहले से मौजूद अपराधियों ने उसे गोली मार दी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
जानकारी देते अधिवक्ता व पुलिस कप्तान पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
दिन दहाड़े न्यायालय परिसर में हुई इस हत्या से आक्रोशित अधिवक्ता रामनाथ ठाकुर ने कहा कि व्यवहार न्यायलय में ही अपराधी न्याय की हत्या कर रहे हैं, और सुरक्षाकर्मी तमाशबीन बने हुए है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मृतक के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा नहीं देती है. तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. वहीं उन्होंने बक्सर सदर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि डीएसपी कानून की धज्जियां उड़ाते हुए, बिना जब्ती सूची बनाये, एक लावारिस लाश की तरह मृत के शव को उठवाकर भेज दिया गया.
डीजीपी का गृहजिला है बक्सर
बता दें कि बक्सर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का गृह जिला है. यहां भी लगातार इस तरह की गतिविधियां हो रही हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति होगी. मंगलवार को ही छपरा में अपराधियों और पुलिस के बीच हुये मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. वहीं राज्य के अलग-अलग हिस्सों से लगातार अपराध और हत्या की खबरें आ रही हैं. पुलिस और प्रशासन इन अपराधियों पर लगाम लगाने में बिल्कुल नाकाम साबित हो रही है.