बक्सर:बिहार के बक्सर में 24 नवंबर से पांच दिवसीयपंचकोसी परिक्रमा यात्रा (Panchkosi Parikrama Yatra in Buxar) शुरू हो गयी है. पंचकोसी परिक्रमा के तीसरे दिन 26 नवम्बर को श्रद्धालु भार्गव ऋषि के आश्रम भभुअर पहुंचेंगे, लेकिन यहां अबतक कोई भी तैयारी नहीं की गई है. जिस वजह से श्रद्धालुओं को गंदे नाली के पानी से भरे भार्गव ऋषि सरोवर (Bhargava Rishi Sarovar of Buxar) में आस्था की डुबकी लगानी पड़ सकती है. स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर तो लगाए गए हैं, लेकिन तैयारी नगण्य है.
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दरअसल, भार्गव ऋषि आश्रम के 30 एकड़ में फैले सरोवर पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'जल जीवन हरियाली' से भी इस सरोवर का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है. ग्रामीणों का कहना है कि पैसे देकर गरीबों के वोट खरीदने के लिए ही चुनाव के समय सांसद और विधायक गांव में आते हैं. चुनाव जीतने के बात तो दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं.
अगहन मास के पंचमी से विश्व प्रसिद्ध 5 दिवसीय पंचकोशी परिक्रमा यात्रा की शुरुआत माता अहिल्या के आश्रम अहिरौली से हुई थी. जहां उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने अहिल्या माता की मंदिर में पूजा पाठ कर पुआ पकवान का भोग लगाया. हालांकि इस साल उत्तरायणी गंगा के तट और मंदिर परिसर की चारों तरफ कचड़े का अंबार लगा हुआ था, जिससे श्रद्धलुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिला प्रशासन की ओर से ना तो साफ-सफाई की व्यवस्था कराया गई थी और ना ही नगर परिषद के अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया.
इस यात्रा के दूसरे दिन गुरुवार को श्रद्धालु नारद मुनि के आश्रम नदाव पहुंचे, जहां नारद मुनि सरोवर में स्नान करने के बाद मंदिर में पूजा-पाठ कर सत्तू मूली का भोग लगाया. साथ ही इस यात्रा के तीसरे दिन भार्गव ऋषि का आश्रम भभुअर के लिए प्रस्थान करने लगे है. जहां शुक्रवार को भार्गव ऋषि सरोवर में स्नान कर सिद्धाश्रम में परिक्रमा कर दही-चूड़ा का भोग लगाएंगे.
विश्व प्रसिद्ध इस यात्रा को लेकर जिला प्रशासन की तैयारी नगण्य है. भार्गव ऋषि सरोवर में गन्दे नाली का पानी जमा होने के साथ ही पूरा सरोवर जलकुंभी से पटा है. स्थानीय लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि जो हजारों श्रद्धालु आएंगे, वह इस गन्दे नाली के पानी मे कैसे स्नान करेंगे. मंदिर परिसर की चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इस आश्रम के सरोवर पर राजनीति में पैठ रखने वाले दबंगों ने कब्जा कर रखा है. ग्रामीणों ने कई बार इसकी लिखित शिकायत की. प्रशासन की तरफ से नोटिस भी भेजा गया, लेकिन सत्ता में बैठे राजनेताओं ने अपने पावर का इस्तेमाल कर नोटिस को हर बार दबवा दिया या फिर उस अधिकारी का ही तबादला करवा दिया.
बक्सर जिला मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर दूर मुफस्सिल थाना क्षेत्र में स्थित इस गांव का नाम भार्गव ऋषि के द्वारा भभुअर रखा गया था. जहां के ग्रामीणों ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि जब भी लोकसभा, या विधानसभा का चुनाव होता है तो राजनेता के द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब तबके के लोगों की एक सूची तैयार की जाती है और मतदान से 1 दिन पहले सभी चिह्नित परिवारों का वोट 1 हजार रुपये में नेता खरीद लेते है. चुनाव जीतकर जब चले जाते है, तो उसके बाद फिर वही फार्मूला लेकर अगले चुनाव में आते हैं. ऐसे में क्षेत्र का विकास कैसे होगा. 52 बीघे में फैले आश्रम के सरोवर पर कब्जा कर लिया गया है.
मंदिर में सोलिंग करने के नाम पर 11 लाख रुपये की राशि की निकासी कर ली गई और बोर्ड भी लगा दिया गया है लेकिन सच्चाई क्या है, यह सभी लोग जानते हैं. एक ईंट भी इस मंदिर में नहीं लगाई गई है. उसके बाद भी दबंगों के डर से पूरा गांव चुप है.