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दोनों गठबंधन धोखेबाज, अबकी बार 'शिक्षा' की सरकार- उपेंद्र कुशवाहा - बसपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट

उपेंद्र कुशवाहा ने जिला मुख्यालय स्थित गांधी मैदान में बसपा प्रत्याशी के पक्ष में सभा की. उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए और महागठबंधन को घोखेबाज बताया.

उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा

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Published : Oct 22, 2020, 8:15 PM IST

औरंगाबाद:बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जीडीएसएफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जिला मुख्यालय स्थित गांधी मैदान में बसपा प्रत्याशी के पक्ष में सभा की. उपेंद्र कुशवाहा ने रफीगंज से बसपा प्रत्याशी पिंटू मेहता और औरंगाबाद से बसपा प्रत्याशी अनिल यादव को भारी बहुमत से जिताने और महागठबंधन और एनडीए को परास्त करने का आह्वान किया.

मंच से लगवाए 'शिक्षा की सरकार' के नारे
ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में शिक्षा की स्थिति बेहद बुरी है. आज शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर कोई चुनाव नहीं लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम शिक्षा और स्वास्थ्य मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. साथ ही कहा कि जो शिक्षा की बात करेगा वहीं बिहार पर राज करेगा. इस दौरान उन्होंने लोगों से अब की बार, शिक्षा की सरकार, जैसे नारे मंच से लगवाए.

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15 बड़े भाई तो 15 साल मंझले भाई, अब 5 साल छोटे भाई का नम्बर
उपेंद्र कुशवाहा ने 15 साल लालू प्रसाद यादव के शासनकाल और 15 साल नीतीश कुमार के शासनकाल को याद करते हुए कहा कि जनता ने पहले बड़े भैया को 15 साल मौका दिया. फिर मंझले भैया को 15 साल का मौका दिया. लेकिन इन दोनों भाइयों ने बिहार में शिक्षा के स्तर को डूबोने का काम किया है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों से शिक्षा के बदले मध्यान भोजन और अन्य तमाम तरह के काम लिए जाते हैं. जिस कारण वे शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बिहार के गरीबों के लिए बहुत जरूरी है और आपके बच्चों की शिक्षा की आवश्यकता को पूर्ति करने के लिए अब छोटे भैया को चुनिए.

शिक्षकों को करेंगे नियमित
उपेंद्र कुशवाहा ने सभा को संबोधित के दौरान कहा कि उनकी सरकार बनेगी तो बिहार में शिक्षा पर पूरा फोकस होगा. स्कूलों और कॉलेजों की हालत की जानकारी सभी को है. उन्होंने कहा कि जब शिक्षक भरपेट खाएगा तब ही बच्चों को पढ़ा पाएगा. इसलिए वे शिक्षकों की स्थिति को सुधारेंगे और उन्हें नियमित का दर्जा देंगे. उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि एक ही विद्यालय में दो तरह का वेतनमान मिलता हैं और काम दोनों से एक ही जैसा लिया जाता है.

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