औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले के समाहरणालय स्थित योजना भवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने मगध प्रमंडल के पांचों जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मद्य निषेध, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन, कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं रख-रखाव इत्यादि मुद्दों पर चर्चा की गई.
ये भी पढ़ें-कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच CM नीतीश का बड़ा फैसला, समाज सुधार अभियान और जनता दरबार स्थगित
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक में बिहार सरकार उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, मंत्री खान एवं भूतत्व विभाग जनक राम, मंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग संतोष कुमार सुमन, मंत्री कृषि विभाग, अमरेंद्र प्रताप सिंह, मंत्री मद्य निषेध विभाग, सुनील कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती प्रमिला देवी, सांसद काराकाट महाबली सिंह, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग चैतन्य प्रसाद एवं अन्य जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारी गण उपस्थित रहे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि बालिका पोशाक योजना एवं मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत बालिकाओं को काफी फायदा मिला. वर्ष 2006 में जब जीविका की शुरुआत हुई तब 10 लाख लोगों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था.
'आज हमारा सौभाग्य है कि बिहार में 1 करोड़ से भी ज्यादा लोग स्वयं सहायता समूह से जुड़े हुए हैं. उसे हमने, जीविका नाम दिया है. शराब इंसान को अंदर से खा जाता है. इसका निरंतर अभियान नहीं चलेगा तो इसका समाज पर काफी बुरा असर होगा. जहरीली शराब से कई लोगों की पूर्व में मृत्यु हुई है. शराब आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेता है. बल्कि, उनकी बुद्धि भी हर लेता है और शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है. बापू के इस पहल को हमें आगे बढ़ाना चाहिए.': नीतीश कुमार, सीएम