औरंगाबादःकोरोना जैसी घातक बीमारी से देश में हालात इतने नाजुक हैं कि विकट परिस्थिति में एक दूसरे की मदद कर लोग देश सेवा की बात कर रहे है. ऐसे में एक मामले पर देखे जा रहे है. जो अपने ही एक वृद्ध परिजन व्यक्ति को घर से निकाल दिया है.
औरंगाबादः बिहार-झारखंड बॉर्डर पर बना राहत गृह, बेसहारा बुजुर्गों का बना ठिकाना
जिलाधिकारी के आदेश पर आश्रय गृह सहारा बना है. यह तस्वीर बिहार झारखंड के बॉर्डर की है. दूसरे राज्यों से गृह वापसी कर रहे लोगों को कोई परेशानी न हो उसके लिए बिहार झारखंड बॉर्डर पर प्रॉपर तरीके से राहत गृह बनाया गया है.
बिहार झारखंड बॉर्डर पर बनाया गया राहत गृह
वहीं, जिला अधिकारी के आदेश पर राहत गृह सहारा बना है. यह तस्वीर बिहार झारखंड के बॉर्डर की है. दूसरे राज्यों से गृह वापसी कर रहे लोगों को कोई परेशानी न हो उसके लिए बिहार झारखंड बॉर्डर पर प्रॉपर तरीके से राहत गृह बनाया गया है. ताकि गृह वापसी कर रहे मजदूरों को खाने पीने की व्यवस्था इस राहत गृह में मिल सके. जिन्हें जांच के उपरांत ही अपने घर को भेजा जा सके. जहां खाने-पीने से लेकर तमाम सुविधाएं है.
बेसहारा वृद्ध का ठिकाना राहत गृह
वहीं, ऐसे में इस राहत शिविर में एक ऐसा ही मामला भी सामने नजर आया है. जो मानवता को तार-तार कर देने वाला है. जहां लोग इस बुरे वक्त में एक दूसरे की मदद कर देश सेवा की बात कर रहे हैं. वहीं, ऐसे विकट परिस्थिति में अपने भी साथ छोड़ देते है. अब बेसहारा वृद्ध का ठिकाना राहत गृह है.